लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में डांडिया महोत्सव की धूम
लखनऊ में नवरात्रि के मौके पर ‘लखनवी डांडिया नाइट महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है जो अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के कारण चर्चा में है। जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में गरबा और डांडिया की विशेष प्रस्तुतियां हो रही हैं। शाम को होने वाली ‘वाराणसी शैली की महाआरती’ श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ में नवरात्रि पर्व पर आयोजित हो रहा ‘लखनवी डांडिया नाइट महोत्सव’ अपने रंगारंग कार्यक्रमों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के कारण चर्चा में है। जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर–05 पर चल रहे इस भव्य आयोजन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
संगीत और नृत्य से गूंजा परिसर
डोल, ढोल और DJ की धुनों पर सजे मंच पर गरबा और डांडिया की प्रस्तुतियां माहौल को उल्लास से भर रही हैं। महिलाएं पारंपरिक घाघरा-चोली में और पुरुष कुर्ता-पायजामा व राजस्थानी पगड़ी में सजे-धजे नज़र आए। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई तालियों और थिरकते कदमों के साथ उत्सव का हिस्सा बना।
विशेष आकर्षण
इस महोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता है – शाम 6 बजे से 7 बजे तक होने वाली ‘वाराणसी शैली की महाआरती’, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर मां दुर्गा के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं। साथ ही, माता रानी का भव्य दरबार भी सजाया गया है, जहां भक्त दर्शन का लाभ उठा रहे हैं।
आगामी दिनों में इस आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण होगा
- 2 अक्टूबर को 11,000 दीपों का प्रज्वलन
- लखनऊ में पहली बार डिजिटल रावण दहन और फायर स्काई शो
आयोजन और सुरक्षा
इस कार्यक्रम का आयोजन Show Nawabs Organization, Zingara Events और Praloveshievents द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने मनोरंजन और श्रद्धा को एक साथ जोड़कर इसे एक भव्य रूप दिया है। आयोजन समिति की ओर से दर्शकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
पूरे परिसर में CCTV कैमरे लगाए गए हैं, पुलिस बल, प्राइवेट सिक्योरिटी और वालंटियर्स की टीम हर वक्त निगरानी कर रही है। जागरण डॉट कॉम इस आयोजन का डिजिटल मीडिया पार्टनर है।
फूड व लाइफस्टाइल स्टॉल से बढ़ा आकर्षण
महोत्सव स्थल पर स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ लाइफस्टाइल स्टॉल और झूले भी लगाए गए हैं, जो बच्चों और परिवारों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहे हैं। आयोजन के दूसरे दिन पहुँचे दर्शकों ने इसे लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान बताया और कहा कि ऐसे आयोजन न सिर्फ़ मनोरंजन बल्कि परिवार और समाज को जोड़ने का भी बेहतरीन माध्यम हैं।
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