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    विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस आज : प्रदूषित हवा और पानी लिख रहे बीमारियों की कहानी, 25 फीसद लोगोंं का स्‍वास्‍थ्‍य खराब कर रहा प्रदूषण

    By Vrinda SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 07 Apr 2022 11:02 AM (IST)

    आज गुरुवार को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस मनाया जा रहा है। लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. आलोक नाथ के बताया कि हमारे अंदर आधे से ज्‍यादा बीमारियों की वजह प्रदूषण है।

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    वायु और जल प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। वायु और जल प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य रिपोर्ट (एनएचपी) में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के आंकड़ों के आधार पर कहा गया है कि 68.47 फीसद लोग वायु प्रदूषण से जुड़े तीव्र श्वसन संक्रमण (एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) से ग्रसित होते हैं। यह निमोनिया के बाद मृत्यु का सबसे बड़ा कारण होता है।

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    21.83 फीसद लोग दूषित पानी पीने से डायरिया से ग्रसित होते हैं। 20 से 25 फीसद लोगों में बीमारी का कारण पर्यावरण प्रदूषण है, जिसे कम किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस (सात मार्च) का थीम रखी है- हमारा ग्रह हमारा स्वास्थ्य। इसका उद्देश्य पर्यावरण जनित बीमारियों से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करना है।

    वायु प्रदूषण से बढ़ते श्वास संबंधी रोग : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एजीपीजीआइ) के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. आलोक नाथ के मुताबिक, वायु प्रदूषण अस्थमा, सीओपीडी (क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज), लंग कैंसर के आलावा टीबी की आशंका को बढ़ा देता है। अस्थमा और सीओपीडी वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। श्वसन तंत्र के तीव्र संक्रमण से बच्चे को सांस लेने में कठिनाई होती है। इससे सांस लेने में सहायक अंगों नाक, गला और फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। इस बीमारी का शिकार बच्चे अधिक होते हैं। इससे पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु सबसे अधिक होती है।

    जल प्रदूषण से हो रही डायरिया : एसजीपीजीआइ के पीडियाट्रिक गैस्ट्रो एंट्रोलाजिस्ट प्रो. मोइनक सेन शर्मा कहते हैं कि डायरिया और उल्टी जैसी बीमारियां आमतौर पर जल प्रदूषण के कारण होती हैं। यदि इन बीमारियों की वजह दूर कर सही समय पर इलाज न मिल पाए तो मरीजों की जान भी चली जाती है। मामूली लगने वाली ये दिक्कतें मरीज के शरीर को अंदर से बहुत कमजोर कर देती है। इससे उनके ऊपर अन्य बीमारियां हावी होने लगती है।

    फसलों पर पेस्टिसाइड के उपयोग से लिवर कैंसर : एसजीपीजीआइ के इमरजेंसी मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डा. तन्मय घटक कहते हैं कि फसलों पर पेस्टिसाइड का उपयोग और कारखानों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को जमीन में डालने से इसमें उपजी फसलें और जमीन में जाने वाला केमिकलयुक्त पानी मिलकर हमें लिवर कैंसर, लिवर एब्सेस, कोलोन कैंसर, ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारियों का मरीज बना देते हैं।

    ऐसे करें बचाव

    • मास्क पहनकर बाहर निकलें
    • भाप लें
    • प्राणायाम करें
    • केमिकल युक्त पदार्थ का सेवन कम करें
    • घर के आस-पास हरियाली का प्रयास करें

    पर्यावरण जनित बीमारियों का प्रतिशत

    • डायरिया 28
    • सांस रोग 22
    • चोट 14
    • सीओपीडी 9
    • मलेरिया 9
    • कैंसर 9
    • मानसिक रोग 5
    • हृदय रोग 4
    • अन्य 3

    इस साल की थीम 'हमारा ग्रह हमारा स्वास्थ्य' : हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम निर्धारित की जाती है। वहीं, इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य है इसका मतलब है कि हमें स्वस्थ रहने के लिए इस धरती को भी स्वस्थ रखना जरूरी है डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, फैलता प्रदूषण, महामारी, कैंसर, अस्थमा और दिल की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों के बीच विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डब्ल्यूएचओ लोगों को और इस ग्रह को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी कार्यों पर तुरंत वैश्विक ध्यान केंद्रित करेगा और समाज का ध्यान अच्छे स्वास्थ्य पर खींचने के लिए एक आंदोलन को बढ़ावा भी देगा.

    विश्व स्वाथ्य दिवस की स्थापना कब हुई : वर्ल्ड हेल्थ डे यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना सात अप्रैल 1948 को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। इसलिए हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस इस दिन मनाया जाता है। इस साल 72वां विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा हैं। दुनिया में ना जानें कितने ऐसे लोग हैं जो कई बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करना है इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है।

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