उत्तर प्रदेश में अब चौराहों पर नहीं रहेंगे बेसहारा मजदूर, बनेंगे आधुनिक श्रमिक सुविधा केंद्र
उत्तर प्रदेश सरकार दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले केंद्र और छात्रावास बनाएगी। इन केंद्रों में पंजीकरण कौशल विकास और रोजगार की सुविधा मिलेगी। विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना के तहत पहले चरण में 17 नगर निगम क्षेत्रों में डा. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र खुलेंगे। श्रमिकों को प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर भी मिलेंगे। इन केंद्रों को रोजगार पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों को काम के इंतजार में चौराहों या फुटपाथों पर खड़े रहना नहीं पड़ेगा। प्रदेश सरकार जल्द ही श्रमिकों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त केंद्र और हास्टल बनाने जा रही है, जहां उन्हें रहने, पंजीकरण, कौशल विकास और रोजगार की पूरी सुविधा मिलेगी।
विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना के तहत पहले चरण में 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में डा. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसमें शौचालय, वाशरूम, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, कैंटीन, पंजीकरण कक्ष, डिजिटल सेवा काउंटर और योजनाओं की जानकारी देने वाले डेस्क होंगे।
इन केंद्रों में श्रमिकों को न केवल काम के लिए पंजीकरण और मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर भी मिलेंगे, जिससे वे बेहतर रोजगार के योग्य बन सकेंगे। इसके साथ ही विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना के तहत शहरों में काम करने वाले प्रवासी निर्माण श्रमिकों को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक हास्टल, स्नानागार, शौचालय और ब्लाक रूम जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
जहां प्रवासी श्रमिकों को पांच से 15 दिन कम शुल्क में रहने की सुविधा मिलेगी। यह भारतीय श्रमिक आंदोलन के वरिष्ठ नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर बनेगी। ठेंगड़ी ने जीवनभर मजदूरों और वंचित वर्गों के हक की लड़ाई लड़ी थी।
इन सरायों में श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा, भोजन व्यवस्था और रोजगार मार्गदर्शन भी मिलेगा। इसके अलावा इन केंद्रों को रोजगार पोर्टल और स्थानीय ठेकेदारों से जोड़ा जाएगा, जिससे श्रमिकों को काम की तलाश में इधर-उधर भटकना न पड़े।
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ काम देना नहीं, बल्कि श्रमिकों को सम्मान और सुरक्षित जीवन देना है। इस योजना के धरातल पर उतरने पर प्रदेश में कोई भी श्रमिक खुले में रात बिताने को मजबूर नहीं होगा। ये केंद्र उनके जीवन में स्थिरता और गरिमा लाएंगे।
लाखों श्रमिकों को मिल रहा है योजनाओं का लाभ
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ श्रमिकों को मिल रहा है। वर्ष 2024-25 में 5,57,567 श्रमिकों को श्रम बोर्ड की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला। इस पर 710.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
2025-26 में अब तक 10,221 श्रमिकों को योजनाओं का लाभ मिल चुका है, जिस पर 42.46 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वहीं, 2025-26 में 48,822 नए श्रमिकों का पंजीकरण हुआ, जिनमें 25,720 महिलाएं शामिल हैं। 2024-25 में 1,86,380 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ था, जिसमें 89,441 महिला श्रमिक थीं। श्रम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है।
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