MBBS प्रवेश मामले में सरकार का जवाब दाखिल, पुनर्विचार की अपील; 3 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस प्रवेश रद्द होने पर सरकार ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा जिससे यूपी नीट यूजी 2025 काउंसलिंग का भविष्य तय होगा। साबरा अहमद की याचिका पर कोर्ट ने आरक्षण अधिनियम के अनुसार प्रवेश रद्द कर दिए थे जिसके खिलाफ सरकार ने यह कदम उठाया है। अब सबकी निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय मेडिकल कालेज कन्नौज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर और जालौन में एमबीबीएस प्रवेश को रद करने के मामले में सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पुनर्विचार की अपील की है। हाई कोर्ट मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। इसके बाद ही यूपी नीट यूजी 2025 काउंसिलिंग प्रक्रिया और चारों राजकीय मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया का भविष्य तय हो पाएगा।
हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के चार मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस प्रवेश को रद करके नए सिरे से सीटें भरने का आदेश आने के बाद सरकार ने सोमवार को अपना जवाब दाखिल किया है।
सरकार की तरफ से एडवोकेट जेएन माथुर ने पक्ष रखा।अब इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह का कहना है कि हाई कोर्ट में विशेष अपील की गई है। कोशिश की जा रही है कि काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी रहे।
गौरतलब है कि यूपी नीट यूजी 2025 की काउंसिलिंग का पहला चक्र पूरा होने के बाद साबरा अहमद ने हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में कन्नौज, सहारनपुर, जालाैन और अंबेडकर नगर मेडिकल कालेजों की आरक्षण व्यवस्था को याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी।
इस पर न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने इन कालेजों में पहले चक्र की काउंसलिंग से हुए एमबीबीएस के प्रवेश को रद कर दिया था। कोर्ट का आदेश था कि चारों कालेजों में हुए प्रवेश रद करते हुए फिर से आरक्षण अधिनियम 2006 के अनुसार एमबीबीएस की सीटों को भरा जाए।
याचिकाकर्ता साबरा अहमद को यूपी नीट यूजी 2025 में 523 अंक मिले हैं और उसकी आल इंडिया रैंक 29061 है। उनका पक्ष एडवोकेट मोतीलाल यादव रख रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।