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लखनऊ विश्वविद्यालय सीतापुर में खोलेगा तीसरा नया परिसर, राज्य सरकार ने दिया भवन

वर्ष 2021 में कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय ने आगामी नए वर्ष के लिए भी योजनाएं बना ली हैं। नए सत्र से विश्वविद्यालय सीतापुर में अपने तीसरे परिसर की शुरुआत करेगा। इसमें वोकेशनल और स्किल डेवलपमेंट के कोर्स शुरू होंगे।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 02:15 PM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय सीतापुर में खोलेगा तीसरा नया परिसर, राज्य सरकार ने दिया भवन
लखनऊ विश्वविद्यालय सीतापुर में खोलेगा तीसरा नया कैंपस।

खनऊ, जासं।  वर्ष 2021 में कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय ने आगामी नए वर्ष के लिए भी योजनाएं बना ली हैं। नए शिक्षकों व कर्मचारियों के भर्ती से लेकर नैक में उच्च ग्रेड हासिल करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए सत्र से विश्वविद्यालय सीतापुर में अपने तीसरे परिसर की शुरुआत करेगा। इसमें वोकेशनल और स्किल डेवलपमेंट के कोर्स शुरू होंगे।

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अभी लखनऊ विश्वविद्यालय के पास दो परिसर हैं। इनमें पुराना परिसर और दूसरा जानकीपुरम स्थित नया परिसर शामिल है। अब नए सत्र से सीतापुर में तीसरा परिसर शुरू करने की तैयारी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि राज्य सरकार भवन दे रही है। इसमें वोकेशनल और विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट के कोर्स शुरू किए जाएंगे।

वर्तमान वर्ष में रहीं कई उपलब्धियांः विश्वविद्यालय ने वर्ष 2021 में काफी एकेडमिक अपडेट किए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय बताते हैं कि हमने पहली बार एनआइआरएफ रैंकिंग में अपनी जगह बनाई। यह बड़ी उपलब्धि रही। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय रहा। इसके अलावा विश्वविद्यालय की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए सीतापुर, हरदोई, रायबरेली और लखीमपुर खीरी जिले के महाविद्यालयों को भी अपने यहां शामिल किया है। छात्र हित में कर्मयोगी, शोध मेधा छात्रवृत्ति की शुरुआत और बढ़ी संख्या में शिक्षकों के प्रमोशन भी किए गए। सात साल बाद विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के लिए अपना एसएसआर रिपोर्ट भी जमा कर दी है। हमें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय को इस साल उच्च ग्रेड मिलेगा।

नए साल में मिलेंगे शिक्षक : विश्वविद्यालय ने आगामी वर्ष के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। कुलपति के मुताबिक विश्वविद्यालय में मानव संसाधन को बढ़ाने पर बदल देना होगा। सबसे जरूरी है कि नए शिक्षकों की भर्ती। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा बचे हुए करीब 100 शिक्षकों का प्रमोशन और जोड़े गए चार नए जिलों से समन्वयक स्थापित कर यह देखना होगा कि विद्यार्थियों को समस्याएं न आएं।


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