Lucknow University : विदेशी छात्र-छात्राओं में लगातार बढ़ रही लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्ययन की दिलचस्पी
New Record Of Lucknow University लखनऊ विश्वविद्यालय को शैक्षणिक सत्र 2024–25 में 1769 2023–2024 सत्र में 1365 आवेदन और 2022–2023 में 814 आवेदन मिले थे। शैक्षणिक सत्र 2021–2022 में आवेदन संख्या 637 थी। यह लखनऊ विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश की संख्या में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : देश में उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय ने अब वैश्विक मंच पर एक नई पहचान गढ़ी है। बीते कुछ वर्षों में इस संस्थान ने जिस गति से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साख बनाई है, वह न केवल प्रशंसनीय है बल्कि प्रेरणादायक भी।
शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए विश्वविद्यालय को अब तक 76 देशों से कुल 2,379 विदेशी विद्यार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह संख्या लखनऊ विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक की सर्वाधिक है और यह इस बात का प्रमाण भी कि यह संस्थान अब वैश्विक छात्र-छात्राओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है।
बीते चार वर्षों के आंकड़े इस विकास को और स्पष्ट करते हैं। यहां 2021–22 में 637 आवेदन मिले तो 2022–23 में यह संख्या 814 तक पहुंची। 2023–24 में 1,365 आवेदन आए तो 2024–25 में 1769 आवेदन आए थे। शैक्षणिक सत्र 2025–26 में आए आवेदनों ने एक रिकार्ड बना दिया।
यह न केवल संख्यात्मक वृद्धि है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, वैश्विक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रमाण भी है। इस परिवर्तनशील यात्रा के केंद्र में हैं कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, जिनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक ढांचे, पाठ्यक्रमों और अधोसंरचना को वैश्विक मानकों के अनुरूप रूपांतरित किया है। उनका कहना है, 'हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो शिक्षार्थी को वैश्विक दृष्टिकोण और समग्र विकास का अवसर देती है।'
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) के माध्यम से विश्वविद्यालय को 2,153 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि स्टडी इन इंडिया और ईडीसीआईएल जैसे सरकारी कार्यक्रमों के तहत 176 आवेदन मिले हैं। इसके अतिरिक्त, 50 विदेशी विद्यार्थी सीधे प्रवेश के लिए रुचि दिखा चुके हैं। आवेदन की प्रक्रिया जून के अंत तक जारी रहेगी, अतः यह संख्या और बढ़ सकती है। विश्वविद्यालय को शैक्षणिक सत्र 2024–25 में 1769, 2023–2024 सत्र में 1365 आवेदन और 2022–2023 में 814 आवेदन मिले थे। 2021–2022 सत्र में आवेदन संख्या 637 थी। यह लखनऊ विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश की संख्या में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है।
विश्वविद्यालय को जिन देशों से आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें पोलैंड, फ्रांस, स्पेन, रूस, मिस्र, थाईलैंड, इथियोपिया, केन्या, बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, मैक्सिको, यूक्रेन जैसे देश प्रमुख हैं। यह विविधता लखनऊ विश्वविद्यालय के वैश्विक आकर्षण को स्पष्ट करती है। अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय ने विशेष छात्रावास, भाषा कार्यशालाएं, सांस्कृतिक अनुकूलन सत्र और व्यक्तिगत करियर मार्गदर्शन जैसी अनेक सुविधाएं विकसित की हैं। प्रवेश प्रक्रिया में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार कठोर स्क्रीनिंग प्रणाली अपनाई जाती है।
वैश्विक दृष्टिकोण वाले कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में लखनऊ विश्वविद्यालय लगातार प्रगति की ओर है। मालवीय सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि उत्तर भारत में लखनऊ विश्वविद्यालय शैक्षिक सत्र 2025-26 में इस उपलब्धि को पाने वाला पहला शैक्षणिक संस्थान है। इस शैक्षणिक सत्र में 2379 विदेशी छात्र-छात्राओं ने यहां पर प्रवेश में रुचि दिखाई है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि हमने अपने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ढांचे में वैश्विक शिक्षा प्रदान करने की प्रणाली विकसित की है। पिछले पांच वर्षों में हमने अपने शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक संस्थानों के समकक्ष रूपांतरित किया है, और यह वैश्विक स्तर पर लोगों तक पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रावासों में छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग विशेष प्रबंध हैं। यहां आरामदायक आवास सुनिश्चित करने के साथ-साथ हमारा फोकस उन्हें ऐसे शैक्षणिक प्रणाली में सम्मिलित करना है जो वैश्विक दृष्टिकोण को महत्व देती है और शिक्षार्थी के समग्र विकास में निहित है। हम विदेशी नागरिकों को प्रवेश देने के लिए सरकार के निर्धारित मानदंडों के अनुसार एक सख्त स्क्रीनिंग प्रणाली का पालन करते हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों के बौद्धिक, सामाजिक व व्यावसायिक विकास पर व्यक्तिगत ध्यान देता है। उन्हें बहुसांस्कृतिक कार्य परिवेश में समायोजन, सामाजिक-सांस्कृतिक अनुकूलन और करियर लक्ष्यों पर परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। भाषा और संवाद से संबंधित समस्याओं का समाधान भी नियमित और विशेष रूप से डिज़ाइन की गई कार्यशालाओं के माध्यम से किया जाता है।
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