पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा बोले, 2017 में शुरू हुए सुधारों का परिणाम है नैक में ए डबल प्लस मिलना
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद देश के उच्च व अन्य शिक्षण संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन करता है। देशभर के विश्वविद्यालयों उच्च शिक्षण एवं निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखकर ग्रेड देना राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की जिम्मेदारी है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय ने इतिहास रच दिया है। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में लखनऊ विश्वविद्यालय पहला संस्थान बन गया है, जिसे नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) में ए प्लस प्लस का ग्रेड प्राप्त हुआ है। नैक के सात मानकों पर हुए मूल्यांकन में विश्वविद्यालय ने चार में से 3.55 स्कोर प्राप्त किया है। इससे पहले वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग हुई थी, जिसमें विश्वविद्यालय की बी ग्रेडिंग थी।
वर्ष 2019 में पांच साल की समय सीमा पूरी हो चुकी थी। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने नैक मूल्यांकन में अच्छे ग्रेड के लिए तैयारी शुरू की थी, जिसमें बेहतर टीम बनाकर छात्र सुविधाओं को बढ़ाते हुए शिक्षकों की कमी भी दूर की। विश्वविद्यालय ने नैक की जो रिपोर्ट भेजी थी, उसके आधार पर 21 से 23 जुलाई तक टीम ने परिसर का भौतिक निरीक्षण किया।
विश्वविद्यालय ने नैक टीम का ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी विभागों में वाल आफ फेम का कांसेप्ट दिया था, जिसमें सभी विभागों ने अलग-अलग अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया था। नैक टीम को लखनऊ विश्वविद्यालय में मेस का भोजन भी खूब पसंद आया। नैक से ए प्लस प्लस ग्रेडिंग मिलने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को हर्ष का माहौल रहा। ढोल नगाड़ों के संग शिक्षक और छात्रों ने जश्न मनाया। शिक्षकों परिसर में टाफी भी बांटे।
पहली बार ए प्लस प्लस का ग्रेड : लखनऊ विश्वविद्यालय को पहली बार ए प्लस प्लस का ग्रेड मिला है। हालांकि नैक के मूल्यांकन की प्रक्रिया बदलती रही है। वर्ष 2002 में नैक में स्टार सिस्टम था। तब लखनऊ विश्वविद्यालय को चार स्टार मिला था। इसके बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया टफ होती गई।
राज्यपाल ने कहा, पहला राज्य विश्वविद्यालय जिसे मिला ए प्लस प्लस : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक में ए प्लस प्लस मिलने पर बधाई दी। कहा कि यह प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जिसने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे अन्य विश्वविद्यालय को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय को गुणवत्ता उत्कृष्ट करने के प्रयासों को उच्चतम श्रेणी तक जारी रखने के लिए उत्साहवर्धन किया।
मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नैक की ए प्लस प्लस रैंकिंग प्राप्त करने पर लखनऊ विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेनट पटेल के मार्गदर्शन में राज्य के सभी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थान बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।
क्या होता है नैक ग्रेड : राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ऐसा संस्थान है, जो देश के उच्च व अन्य शिक्षण संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन करता है। इस संस्थान की जिम्मेदारी देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण एवं निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखकर ग्रेड देना है। इसके लिए शिक्षण संस्थान अपने स्तर से प्राथमिक तैयारियां पूरी करने के बाद नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद नैक की टीम विश्वविद्यालय या संस्थान का निरीक्षण करती है। निरीक्षण के दौरान कालेज में शिक्षण सुविधाएं, परिणाम, इन्फ्रास्ट्रक्चर, माहौल सहित हर जरूरी बातों की जानकारी ली जाती है। इस आधार पर नैक की यह टीम अपनी रिपोर्ट जमा करती है। इससे संस्थान को क्यूमलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) दिया जाता है, जिसके आधार पर ग्रेड जारी होता है।
जानें कितने सीजीपीए पर कौन सा ग्रेड
- सीजीपीए ग्रेड संस्थान की परफारमेंस
- 3.51 – 4.00 ए प्लस प्लस सर्वश्रेष्ठ
- 3.26 – 3.50 ए प्लस बहुत अच्छा
- 3.01 – 3.25 ए बहुत अच्छा
- 2.76 – 3.00 बी प्लस प्लस अच्छा
- 2.51 – 2.75 बी प्लस अच्छा
- 2.01 – 2.50 बी अच्छा
- 1.51 – 2.00 सी संतोषजनक
- 1.50 तक डी असंतोषजनक
डी ग्रेड तो मान्यता नहीं : नैक मूल्यांकन में जिस संस्थान को ए ग्रेड प्रदान किया जाता है, उसमें शिक्षा प्रदान करने का स्तर बहुत ही अच्छा होता है। जिस संस्थान को डी ग्रेड दिया जाता है, उसमें वह स्तर बहुत ही बेकार होता है, ऐसे संस्थान को मान्यता नहीं प्रदान की जाती है।
नैक मूल्यांकन का आधार :
- इसमें नैक पहले पाठ्यक्रम की जांच करता है और यह देखता है कि पाठ्यक्रम वर्तमान समय में निर्धारित किये गए मानक या स्टैंडर्ड के अनुरूप है अथवा नहीं।
- मूल्यांकन में अनुसंधान, परामर्श और विस्तार करने की क्षमता की जांच की जाती है।
- यदि संस्थान में अनुसंधान करने की अच्छी सुविधा होती है, तो उसे अच्छा माना जाता है |
- नैक मूल्यांकन में छात्रों से संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के विषय में पूछा जाता है यदि छात्र संस्थान की सुविधाओं से संतुष्ट होते हैं तो इसे अच्छा माना जाता है।
- यह संस्थान के संगठन और प्रबंधन के विषय में विस्तार से जानकारी लेता है।
- विद्यार्थी और संस्थान के मध्य अनुशासन किस प्रकार का है, नैक के द्वारा इसकी भी जांच की जाती है।
- मूल्यांकन में संस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाता है |
- शिक्षा प्रदान करने के समय आवश्यक उपकरण की उपलब्धता की जांच की जाती है, ये सभी मानक देखने के बाद ही नैक द्वारा ग्रेड का निर्धारण किया जाता है।
नैक प्रत्यायन के लाभ :
- एक सूचित समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से संस्थान अपनी ताकत, कमजोरियों और अवसरों को जान पा रहे हैं।
- शिक्षण संस्थान को नई व आधुनिक तरीकों को शुरू करने का रास्ता तैयार होता है।
- संस्थानों को एक नई दिशा और नई पहचान मिलती है।
- समाज का संस्थान के प्रति एक नया व सकारात्मक दृष्टिकोण बनता है, समेत अन्य।
कठोर परिश्रम का परिणाम : लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डा. मनोज पांडेय ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक ए ग्रेड प्राप्त होने पर बधाई। विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष की यह सबसे महान उपलब्धि है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के कुलपति, विद्वान आचार्यों, कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के कठोर परिश्रम का परिणाम है।

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