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    Lucknow News: पखावज वादक पंडित दिनेश मिश्र का अचानक निधन, मंच पर पड़ा दिल का दौरा

    By Jagran NewsEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Mon, 06 Feb 2023 09:18 PM (IST)

    Lucknow News पखावज वादक पंडित दिनेश मिश्र ने वादन से माहौल में रंगत भरते हुए सोमवार को मंच पर अंतिम सांस ली। महिंद्रा सनतकदा फेस्टिवल सफेद बारादरी में वह ताल वाद्य कार्यक्रम में पखावज बजा रहे थे। वादन के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।

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    पखावज वादक पंडित दिनेश मिश्र का अचानक निधन, मंच पर पड़ा दिल का दौरा

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: शहर के जाने माने पखावज वादक पंडित दिनेश मिश्र ने वादन से माहौल में रंगत भरते हुए सोमवार को मंच पर अंतिम सांस ली। किसी को पता नहीं था कि जिस कलाकार के वादन को वह सुन रहे हैं, वह इस तरह से दुनिया से विदा हो जाएंगे। सोमवार को महिंद्रा सनतकदा फेस्टिवल सफेद बारादरी में वह ताल वाद्य कार्यक्रम में पखावज बजा रहे थे। वादन के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। आयोजक उन्हें लारी कार्डियोलाजी लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से मथुरा के रहने वाले पं दिनेश मिश्र लगभग 68 वर्ष के थे।

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    कैसरबाग बारादरी में दे रहे थे प्रस्तुति

    बता दें, सोमवार को तीन बजे के करीब पंडित दिनेश कैसरबाग बारादरी के अमृत लाल तख्त पर ताल वाद्य कचहरी शीर्षक पर प्रस्तुति दे रहे थे। उनके साथ सारंगी पर जीशान, तबला पर इलियास खान, शास्त्रीय गायक इलियास और नाल वादन श्रीकांत कर रहे थे। करीब 15 से 20 मिनट की प्रस्तुति हुई थी, अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा। पंडित दिनेश वर्तमान में परिवार के संग देवपुर पारा में रहते थे। इनके पिता पं बाबू लाल मथुरा के पखावज वादक थे। पं बाबू लाल बीएचयू में पखावज वादक के शिक्षक थे। पं दिनेश ने प्रारंभिक शिक्षा पिता से ही ग्रहण की।

    वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी अवार्ड भी मिला था

    उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पूर्व संगीत सर्वेक्षक पं रविचंद्र गोस्वामी ने बताया कि दिनेश मिश्र ने पखावज की शिक्षा दतिया के पखावज वादक कुदऊ सिंह के घराने से ली थी। उन्हें वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वह दूरदर्शन और रेडियो पर भी प्रस्तुति देते थे। पंडित दिनेश के पुत्र पीयूष मिश्र ने बताया कि सुबह वह ठीक थे। प्रस्तुति के दौरान करीब तीन बजे दिल का दौरा पड़ा। उस समय सांस उखड़ने लगी। उन्हें लारी कार्डियोलाजी ले गए, लेकिन डाक्टर उन्हें नहीं बचा पाए।

    लोगों को अपने वादन का मुरीद बनाया

    पंडित दिनेश के तीन बेटियां, एक बेटा और पत्नी कमलेश हैं। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। संगीतकार पार्थ प्रतिम मुखर्जी ने बताया कि फेस्टिवल में पंडित दिनेश ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मुरीद बनाया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में बतौर पखावज संगतकर्ता सेवाएं दीं। फेस्टिवल में उनके निधन पर लोगों ने अपने शोक संवेदना प्रकट की, कला प्रेमियों ने एक दिन के लिए फेस्टिवल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद करने की बात कही। फेस्टिवल की मीडिया प्रभारी मिनी ने बताया कि जिस जगह पं दिनेश परफार्मेंस दे रहे थे। वहां कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। शेष कार्यक्रम चलेंगे, क्योंकि कलाप्रेमियों का आना-जाना जारी है।

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