Online Gaming: ऑनलाइन गेम के चक्कर में 12वीं के छात्र ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बातें
ऑनलाइन गेम की लत की वजह से गुरुवार को आत्महत्या करने वाले कक्षा 12 के छात्र सिद्धार्थ के गमगीन पिता की आंखों के आंसू थम नहीं रहे। जिस बेटे को पढ़ने के लिए लखनऊ भेजा उसकी मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। गेम खेलने से मना करने पर उसने उनका नंबर ही ब्लॉक कर दिया था।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। ऑनलाइन गेम की लत की वजह से गुरुवार को आत्महत्या करने वाले कक्षा 12 के छात्र सिद्धार्थ के गमगीन पिता की आंखों के आंसू थम नहीं रहे। जिस बेटे को पढ़ने के लिए लखनऊ भेजा, उसकी मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। पिता रवींद्र प्रताप सिंह को शिकायत है कि ऑनलाइन गेम पर जो प्रतिबंध अब सरकार ने लगाए हैं, वह पहले होता तो उनके लाल की जिंदगी सलामत रहती।
मूलरूप से आजमगढ़ के बहेरा के रहने वाले मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव रवींद्र प्रताप सिंह का गोमतीनगर में मकान है। गुरुवार रात को इसी आवास पर उनके बेटे 18 वर्षीय सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी। कमरे में सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अंग्रेजी में लिखा था, "उसकी गेम खेलने की लत से घर के सभी लोग परेशान हैं। काफी कोशिश की लेकिन लत नहीं छूट रही है। पापा... दोस्त से एक हजार रुपये लेकर हार गया था। उसको रुपये दे देना। मुझे डर है कि मैं कहीं ज्यादा रुपये न हार जाऊं इसलिए यह कदम उठा रहा हूं। सब लोग अपना ख्याल रखना।"
शुक्रवार को अंतिम संस्कार के बाद आजमगढ़ में सिद्धार्थ के पिता रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पढ़ाई के दौरान बेटे को ऑनलाइन गेम की लत लग गई थी। इसी वजह से उसको आजमगढ़ से लखनऊ लाया गया था। इसके बावजूद उसकी आदत नहीं सुधरी और लगातार गेम खेलता रहा। गेम खेलने से मना करने पर उसने उनका नंबर ही ब्लॉक कर दिया था।

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