Lucknow News: खुले नाले में गिरा स्कूली बच्चा, कापी-किताबें बही; पहले भी एक युवक की हो चुकी मौत
लखनऊ के तिलक नगर में एक बड़ा हादसा टल गया जहाँ एक स्कूली छात्र खुले नाले में गिर गया। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बचा लिया पर उसका स्कूल बैग नाले में बह गया। घटना के बाद नगर निगम ने नाले को अस्थायी रूप से ढक दिया है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया है

जागरण संवाददाता, लखनऊ। ठाकुरगंज के मंजू टंडन ढाल के पास खुले नाले में डूबे युवक की मौत के बावजूद नगर निगम के जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं। शनिवार को ऐशबाग के तिलक नगर में फिर बड़ी घटना होने से बची। यहां एक स्कूली छात्र बारिश के दौरान खुले नाले में गिर गया।
गनीमत रही कि स्थानीय लोगों ने दौड़कर बच्चे को बाहर निकाला। बच्चे को चोट नहीं आई। हालांकि उसका स्कूल बैग नाले में ही बह गया।
शनिवार दोपहर दो बजे तिलक नगर इलाके में निजी स्कूल का छात्र छुट्टी के बाद साइकिल से घर जा रहा था। इस दौरान सड़क पर एक ई-रिक्शे से बचने के चक्कर में छात्र ने साइकिल किनारे की तभी अचानक साइकिल समेत खुले नाले में जा गिरा। घटना के वक्त कुछ लोग पास ही खड़े थे।
उन्होंने दौड़कर किसी तरह बच्चे को बाहर निकाला। हालांकि, बच्चे का कापी-किताब से भरा बैग नाले में ही बह गया। घटना से जुड़ा एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। इसके बाद हरकत में आई नगर निगम की टीम ने खुले नाले को बांस और नेट से अस्थायी रूप से ढक दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के बाद अक्सर इलाके में भयंकर जलभराव हो जाता है। कई जगह नाले खुले हैं लेकिन इस पर कोई जिम्मेदार ध्यान नहीं देता है। जलभराव के चलते कई मकानों के अंदर भी पानी घुस जाता है। लोगों ने नगर निगम पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
15 दिन पहले भी गिरी थी कार
शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने घटनास्थल की पड़ताल की तो स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या बताई। नाम न छापने की शर्त पर घटनास्थल के पास ही रहने वाले एक शख्स ने बताया कि करीब 15 दिन पहले बैक करने के दौरान एक टैक्सी कार भी नाले में गिर गई थी।
कड़ी मशक्कत के बाद लोगों ने कार को बाहर निकाला था। इसके बावजूद नाले को ढका नहीं गया इस वजह से आज फिर घटना हो गई। अगर स्थानीय लोग मौके पर न होते तो आज घटना और बड़ी हो जाती।
एक जगह ढका, बाकी जगह खतरा बरकरार
शनिवार को जिस जगह बच्चा गिरा उसे तो आनन-फानन नगर निगम ने हरी जाली लगाकर ढक दिया लेकिन उसके आसपास करीब सौ मीटर के दायरे में आधा दर्जन स्थानों पर नाले की रेलिंग टूटी है और उनपर पत्थर तक नहीं रखा है। ऐसे में यहां कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। बारिश के दौरान खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
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