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    GPF Online : अब जीपीएफ में सालाना बस इतने लाख ही जमा कर पाएंगे राज्य कर्मचारी, जारी हुआ शासनादेश

    By Rajeev DixitEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Tue, 04 Apr 2023 02:03 AM (IST)

    पहली अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त हुए राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। उन्हें जीपीएफ की सुविधा प्राप्त है। ऐसे कर्मचारियों की सं ...और पढ़ें

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    lucknow : जीपीएफ में सालाना पांच लाख तक ही जमा कर पाएंगे राज्य कर्मचारी, वित्त विभाग ने जारी किया शासनादेश

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य सरकार के कर्मचारी अब अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में सालाना पांच लाख रुपये से अधिक धनराशि जमा नहीं कर पाएंगे। शासन ने राज्य कर्मचारियों की ओर से जीपीएफ खाते में सालाना जमा की जाने वाली धनराशि की अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये तय कर दी है। वित्त विभाग ने इस बारे में सभी विभागों को शासनादेश जारी कर दिया है।

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    पहली अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त हुए राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। उन्हें जीपीएफ की सुविधा प्राप्त है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग आठ लाख है। सामान्यत: कर्मचारी के वेतन की 10 प्रतिशत कटौती उसके जीपीएफ खाते में जमा की जाती है लेकिन अभी तक जीपीएफ में रकम जमा करने की की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं थी। इसलिए बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी किसी भी सीमा तक जीपीएफ कटौती कराते थे। वजह यह थी कि बैंकों की सावधि जमा की ब्याज दर से जीपीएफ की ब्याज दर अधिक थी।

    जीपीएफ में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज अभी तक आयकर से मुक्त था। अब आयकर विभाग ने नियमों में बदलाव करते हुए जीपीएफ में सालाना पांच लाख रुपये से अधिक जमा की गई धनराशि पर मिलने वाले ब्याज को आयकर के दायरे में ला दिया है। इसके साथ ही आयकर विभाग ने यह भी उचित समझा कि कोई भी व्यक्ति पूरे वर्ष में जीपीएफ खाते में पांच लाख रुपये से अधिक जमा न कर सके।

    आयकर विभाग की ओर से आयकर नियमावली, 1962 में किये गए इस बदलाव के बाद केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष अपने कर्मचारियों के लिए जीपीएफ नियमावली में संशोधन किया था। केंद्र की तर्ज पर अब राज्य सरकार भी इसके लिए उप्र सामान्य भविष्य निधि नियमावली, 1985 में संशोधन करेगी।