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    Lucknow News: ड‍िप्‍टी CM ब्रजेश पाठक बोले- सभी नागरिकों का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बनाने में लाएं तेजी

    लखनऊ प्रदेश में सभी नागरिकों का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने के काम में तेजी लाई जाए। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी नागरिकों का हेल्थ अकाउंट बनाया जाएगा और इसमें उसके रोगों से संबंधित जांच व डॉक्टर द्वारा किए गए उपचार की पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन होगी।

    By Riya PandeyEdited By: Riya PandeyUpdated: Fri, 19 May 2023 10:48 AM (IST)
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    आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी नागरिकों का हेल्थ अकाउंट बनाया जाएगा

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में सभी नागरिकों का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने के काम में तेजी लाई जाए। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी नागरिकों का हेल्थ अकाउंट बनाया जाएगा और इसमें उसके रोगों से संबंधित जांच व डॉक्टर द्वारा किए गए उपचार की पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन होगी। 18 मई को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा की।

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    लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) के सभागार में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इससे निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा। अस्पतालों में डॉक्टर मरीज की सहमति से उसका हेल्थ अकाउंट देख सकेंगे। मरीज के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा और उसे डॉक्टर को बताने पर पूरा हेल्थ अकाउंट खुल जाएगा। ऐसे में रोगी को उपचार से संबंधित कागज एकत्र करने की जरूरत नहीं होगी। सब कुछ आनलाइन इस हेल्थ अकाउंट में उपलब्ध होगा। अभी तक करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों के हेल्थ अकाउंट तैयार किया जा चुका है। फिलहाल अब इस कार्य में और तेजी लाने के निर्देश उप मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

    उन्होंने कहा कि एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली को अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जाए। एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली में 12 रोग चिह्नित किए गए हैं। सभी लैब, चिकित्सा संस्थान और व्यक्ति रोगों की पुष्टि व पहचान होने की स्थिति में इसकी सूचना पोर्टल पर उपलब्ध कराएं। जिसके चलते रोग से बचाव व उपचार के लिए प्रभावी कदम उठाया जा सके।

    पाठक ने कहा कि ई संजीवनी एप के प्रयोग को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। लोग ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श लेने पर जोर दें ताकि अस्पतालों में भीड़ कम हो सके। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। कंप्यूटर के साथ-साथ दवा और उपकरणों की शत-प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। ऐसे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जहां पर बिजली की व्यवस्था नहीं है, वहां तत्काल व्यवस्था की जाए। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सुविधाएं मिलने से लोगों को क्षेत्रीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा। उन्हें दूर-दराज अस्पताल के चक्कर नहीं काटने होंगे। प्रदेश में करीब 21 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं।

    बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा आदि मौजूद रहे।