Lucknow: सीबीआइ की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आइएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट की खारिज
कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को अदालत ने खारिज कर दिया है। सीबीआई ने दो बार 19 फरवरी 2019 और 28 जनवरी 2021 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।

लखनऊ, विधि संवाददाता। कर्नाटक कैडर के IAS अनुराग तिवारी की संदेहास्पद मौत के मामले में फिर से दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को सीबीआइ की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने यह आदेश अनुराग के भाई मंयक तिवारी की प्रोटेस्ट अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है। उन्होंने इसके साथ ही प्रोटेस्ट अर्जी को परिवाद के रुप में दर्ज करने का आदेश देते हुए मयंक तिवारी के बयान के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की है।
यह है मामला : 16/17 मई, 2017 को आइएएस अनुराग तिवारी की मौत लखनऊ में मीराबाई मार्ग पर संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई थी। वे स्टेट हाउस गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-19 में ठहरे थे। 25 मई, 2017 को उनकी संदेहास्पद मौत के इस मामले में उनके भाई मयंक तिवारी की ओर से हत्या की एक एफआइआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई गई थी।
इस एफआइआर में किसी को नामजद नहीं किया गया था। इस मामले की विवेचना सीबीआइ को सौंप दी गई थी। उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के रहने वाले आइएएस अनुराग तिवारी बंगलोर में फूड सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर में कमिश्नर के पद पर तैनात थे।
19 फरवरी, 2019 को सीबीआइ ने अपनी विवेचना के बाद इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था। विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त करते हुए प्रोटेस्ट अर्जी में उठाए गए सवालों के आधार पर सीबीआइ को अग्रिम विवेचना का आदेश दिया था।
28 जनवरी, 2021 को सीबीआइ ने फिर से क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। 25 अक्टूबर, 2021 को मयंक तिवारी ने इसे भी चुनौती देते हुए प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की थी। उनकी इस अर्जी पर वकील सृष्टि दत्त पांडेय व अक्षत श्रीवास्तव ने बहस की।
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