Lucknow: एमएलसी उपचुनाव में सपा ने खेला अति पिछड़ा व दलित कार्ड, भाजपा ने कुर्मी व क्षत्रिय को बनाया प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की दो रिक्त सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा व सपा ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने जहां एक कुर्मी व एक क्षत्रिय को प्रत्याशी बनाया है वहीं सपा ने अति पिछड़ा व दलित को प्रत्याशी बनाया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने एमएलसी उपचुनाव में अति पिछड़ा व दलित कार्ड खेला है। पार्टी ने दलित चेहरे के रूप में राम करन निर्मल व अति पिछड़ा वर्ग से राम जतन राजभर को मैदान में उतारा है। राम करन निर्मल समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं, राम जतन मऊ के रहने वाले हैं और पहले भी एमएलसी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की दो रिक्त सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा व सपा ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
भाजपा ने जहां एक कुर्मी व एक क्षत्रिय को प्रत्याशी बनाया है वहीं सपा ने अति पिछड़ा व दलित को प्रत्याशी बनाया है। 403 के सदन में सपा के पास भले ही जीतने के लिए 202 विधायकों के मत न हों लेकिन वह इस चुनाव के जरिए अति पिछड़ों व दलितों को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है सपा ही उनकी असली हितैषी है और जब भी मौका मिलता है उन्हें आगे बढ़ाती है।
सपा के वरिष्ठ विधायक अवधेश प्रसाद कहते हैं कि भाजपा दलितों व अति पिछड़ों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है। जब भी इन्हें हिस्सेदारी देने का मौका आता है तब भाजपा इन्हें दरकिनार कर दूसरों को दे देती है। सपा ने हमेशा दलितों व अति पिछड़ों को आगे बढ़ाया है। सपा के 109 व रालोद के नौ विधायकों को मिला लिया जाए तो सपा गठबंधन के पास 118 विधायक हैं।
विधानसभा में कांग्रेस के दो, बसपा के एक, सुभासपा के छह व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायक हैं। इनका इस चुनाव में क्या रुख रहेगा यह भी दिलचस्प होगा। सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय ने सभी दलों से आह्वान किया कि उनके कमजोर परिवार व अति पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रत्याशियों का दिल की आवाज पर समर्थन प्रदान करिए।
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