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    UP के माध्यमिक स्कूलों में 25,000 शिक्षक पद खाली, 90% कॉलेज चल रहे हैं 'कार्यवाहक' प्रिंसिपल के भरोसे

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 11:50 PM (IST)

    लखनऊ के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भारी कमी है जिससे पढ़ाई और व्यवस्था प्रभावित है। शिक्षा विभाग अब खाली पदों को भरने की तैयारी कर रहा है। एडेड कॉलेजों में ज्यादातर प्रधानाचार्य कार्यवाहक हैं और राजकीय विद्यालयों में भी हजारों पद खाली हैं। पदोन्नति में देरी से भी समस्या बढ़ रही है। विभाग का कहना है कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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    शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की कमी से जूझ रहे हैं माध्यमिक विद्यालय।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालय इस समय शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं। इसका असर न केवल पठन-पाठन पर पड़ रहा है बल्कि विद्यालयों की प्रशासनिक व्यवस्था भी चरमराई हुई है। अब शिक्षकों के खाली पदों को भरने और प्रधानाचार्यों की पदोन्नति को लेकर शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है।

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    प्रदेश के 4512 एडेड माध्यमिक विद्यालयों में करीब 65 हजार शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन यहां लगभग 25 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। हालात यह हैं कि एडेड कालेजों में 90 प्रतिशत कार्यवाहक प्रधानाचार्य जिम्मेदारी संभाल रहे हैं क्योंकि आयोग से स्थायी प्रधानाचार्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

    इसी तरह 2441 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (1486 हाईस्कूल और 955 इंटर कालेज) में भी शिक्षकों की भारी कमी है। इन विद्यालयों में 11 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। साथ ही, पदोन्नति के आधार पर मिलने वाले 450 से अधिक इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। यहां भी कार्यवाहक प्रधानाचार्यों से ही काम चल रहा है। समस्या यहीं खत्म नहीं होती।

    एलटी ग्रेड से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति कई वर्षों से अटकी हुई है। वरिष्ठता सूची तैयार न होने की वजह से प्रवक्ता पद खाली पड़े हैं। अब स्थिति और पेचीदा हो गई है क्योंकि हाल ही में पदोन्नति में शिक्षकों का कोटा 83 प्रतिशत से घटाकर 66 प्रतिशत कर दिया गया है और इसमें खंड शिक्षा अधिकारियों को शामिल कर दिया गया है।

    राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भड़ाना का कहना है कि सीधी भर्ती से तो प्रधानाचार्यों की नियुक्ति हुई है, लेकिन पदोन्नति कोटे से अब तक नियुक्तियां लंबित हैं। इससे एलटी ग्रेड से प्रवक्ता बनने का रास्ता भी बंद हो गया है और पद रिक्त रह गए हैं।

    वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एडेड कालेजों में स्थायी प्रधानाचार्य न होने से प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है। कई बार मांग करने के बावजूद शिक्षा विभाग ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

    इस पूरे मामले पर माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है कि किसी भी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी नहीं होनी चाहिए। विभाग इस पर गंभीरता से काम कर रहा है। जल्द ही रिक्त पदों की भर्ती के साथ-साथ पदोन्नति कोटे से प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।