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    लखनऊ में समतामूलक से निशातगंज पहुंचने में लगेंगे स‍िर्फ पांच मिनट, एक सप्ताह का इंतजार

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 10:11 PM (IST)

    निशातगंज मार्ग से हनुमान सेतु के बीच जगह-जगह अतिक्रमण की वजह से ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का कार्य सोमवार को पूरा नहीं हो सका। खाटू श्याम मंदिर व अन्य स् ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। निशातगंज मार्ग से हनुमान सेतु के बीच जगह-जगह अतिक्रमण की वजह से ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का कार्य सोमवार को पूरा नहीं हो सका। खाटू श्याम मंदिर व अन्य स्थलों के पास सुबह से शाम तक दुकानें सजी रहती हैं और दर्शनार्थियों की भीड़ भी जुटती है। गोमती किनारे इसकी पार्किंग बनाई जा रही है। समतामूलक चौराहे से निशातगंज का सफर पांच मिनट में पूरा करने के लिए एक सप्ताह और इंतजार करना होगा।

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    लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जा रहा ग्रीन कॉरिडोर 15 दिसंबर तक बनकर तैयार करने का निर्देश रहा है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने दो दिसंबर को योजना का निरीक्षण करके 10 दिन में काम पूरा कराने को कहा था। आईआईएम रोड से किसान पथ के बीच 57 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण शहर के विकास को नई रफ्तार देगा।

    योजना के दूसरे चरण में समतामूलक चौराहे से निशातगंज के मध्य 130 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इस पूरे स्ट्रेच में कुकरैल व निशातगंज पर दो रोटरी का निर्माण चल रहा है।

    एलडीए के मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा ने बताया कि ग्रीन कारिडोर के तहत निशातगंज से हनुमान सेतु, हनुमान सेतु से डालीगंज और डालीगंज से पक्का पुल के मध्य ब्रिज, आरओबी व बंधे का निर्माण भी कराया जा रहा है। कारिडोर के निर्माण के समानांतर सुंदरीकरण के कार्य भी साथ-साथ कराए जा रहे हैं। जगह-जगह अतिक्रमण की वजह से निर्माण पूरा नहीं हो सका है, अभी एक सप्ताह और लग सकता है।

    प्रेरणा स्थल के पास बसों की पार्किंग में बनेगा कंट्रोल रूम

    25 दिसंबर को राष्ट्र प्रेरणा स्थल के लोकार्पण कार्यक्रम में लोगों को लाने और वापस छोड़ने के लिए 2500 रोडवेज बसें चलेंगी। लोगों की सुविधा व निगरानी के लिए संबंधित जिला व प्रेरणा स्थल के पास पार्किंग में कंट्रोल रूम भी बनेगा। दोनों कंट्रोल रूम से संचालन और मॉनीटरिंग की जाएगी।

    दोनों कंट्रोल रूम पर परिवहन निगम और यातायात पुलिस के अधिकारी कर्मचारी तैनात होंगे। कंट्रोल रूम के नंबर बांटे जाएंगे। तैनात अधिकारी स्वयं लोगों को फोन करके जानकारी करेंगे। इसके अलावा जिन्हें बस तक पहुंचने में परेशानी या देरी होगी तो वह लोग खुद कंट्रोल रूम पर काल करके सहायता लेंगे।