सावधान! यूपी में पाश इलाके में किराए पर कमरा लेकर हो रहा क्राइम, अब खुले ये राज
लखनऊ में किराए के मकानों में अपराधियों के रहने के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि मकान मालिक पुलिस सत्यापन में लापरवाही बरत रहे हैं। पुलिस ने भी ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। साइबर अपराधी भी किराए के फ्लैटों में पकड़े गए लेकिन पुलिस ने चुप्पी साधे रखी। जेसीपी अमित वर्मा ने कहा कि मकान मालिकों की जिम्मेदारी है कि वे किराएदारों का सत्यापन कराएं

जागरण संवाददाता, लखनऊ। राजधानी में बीती सात से आठ घटनाएं हुई, जिसमें पकड़े गए आरोपित किराए के मकान पर रहते हुए पाए गए थे। किसी भी मामले में पुलिस ने मकान मालिक पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे अन्य लोग भी बेधड़क फ्लैट-मकान किराए पर उठा देते है।
यही नहीं हाल ही में पकड़े गए साइबर अपराधी भी लग्जरी फ्लैट किराए में रहते पाए गए, लेकिन उसमें भी पुलिस ने चुप्पी साध रखी है।
बीती 26 मार्च को सीतापुर रोड स्थित बृजधाम कालोनी में हास्टल में हुए विवाद में लड़कों ने पड़ोस में रहने वाली सारिका श्रीवास्तव को गोली मार दी थी। जांच में सामने आया कि हास्टल मालिक ने किसी भी लड़के का सत्यापन नहीं करवाया था।
जानकारी होने के बाद भी सैरपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। हाल ही पीजीआइ पुलिस ने वृंदावन कालोनी से साइबर अपराध के आरोप में 15 लड़कों को फ्लैट से पकड़ा था, उसमें भी बिना सत्यापन के रह रहे थे।
इसी तरह बुघवार को कुर्सी रोड स्थित स्मृति अपार्टमेंट से 16, सुशांत गोल्फ सिटी की फ्रेंड कालोनी से 15 लड़कों को पकड़ा। कहीं भी मकान मालिक ने पुलिस सत्यापन नहीं करवाया था। किसी के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त(जेसीपी) अपराध एवं मुख्यालय अमित वर्मा ने बताया कि सभी में एक चीज सामान्य थी कि वह सभी आरोपित पाश इलाके में फ्लैट किराए पर लेकर रहते थे। ताकि पुलिस की नजर उनपर न पड़े। यह लोग दलाल के जरिए मकान व फ्लैट मालिक को मांग से ज्यादा किराया देते हैं।
ज्यादा किराया के लालच में फ्लैट मालिक भी पुलिस सत्यापन नहीं करवाता है। यह भी संभव नहीं है कि सभी के घर-घर जाकर चेकिंग करे। यह मकान व फ्लैट मालिक जिम्मेदारी होती है कि वह किराए पर देने से पहले सत्यापन का फार्म भरे। ताकि यह पता लगाया जा सके कि किराए पर फ्लैट ले रहा व्यक्ति अपराधी तो नहीं है।
सभी की हो रही जांच, होगी कार्रवाई: जेसीपी ने बताया कि जितने भी साइबर अपराधी पकड़े गए हैं। उन फ्लैट व मकान मालिक की डिटेल नोट की गई है। उनके खिलाफ जांच की गई है। अगर जांच में किसी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ताकि इससे एक मैसेज भी सभी को जा सके।
आरडब्ल्यू की उतनी ही जिम्मेदारी
जेसीपी ने बताया कि सोसायटी में कोई फ्लैट किराए पर लिया जा रहा है, उसमें कौन रह रहा है उसका पता लगाना आरडब्ल्यू की भी जिम्मेदारी है। आरडब्ल्यू के पदाधिकारी मकान मालिक से डिटेल लें और खुद भी पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया करवा सकते हैं। साथ ही मकान मालिक को भी निर्देश दे सकते हैं।
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