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    खुशखबरी! CM Yogi ने इन किसानों को दी बड़ी राहत, मंडी के बाहर बेचने पर भी नहीं लगेगा शुल्क

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 05 Jul 2025 08:49 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फूलों की खेती करने वाले किसानों को राहत दी है। फूलों को मंडी तक लाने में लगने वाले समय से गुणवत्ता प्रभावित होती है इसलिए मंडी के बाहर फूलों की बिक्री पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। मंडी परिषद किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम है। मंडियों में किसानों के लिए बेहतर व्यवस्था और मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

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    मंडी के बाहर फूल बेचने पर नहीं लगेगा शुल्क

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फूलों की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। सभी प्रकार के फूलों को विनिर्दिष्ट कृषि उत्पाद की श्रेणी से हटाकर गैर-विनिर्दिष्ट श्रेणी में रखने का निर्णय लिया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलों को मंडी तक लाने में समय लगने से गुणवत्ता पर असर पड़ता है और किसान उचित मूल्य से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में किसानों को फूलों की बिक्री मंडी के बाहर करने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। यह निर्णय विशेष रूप से छोटे, सीमांत और फूलों की मौसमी खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ा संबल सिद्ध होगा।

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    शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उप्र राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 171वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब मंडी के बाहर व्यापार पर फूलों की खेती करने वाले किसानों को कोई शुल्क नहीं देना होगा, जबकि मंडी परिसर में उनसे मात्र प्रयोक्ता शुल्क लिया जाएगा।

    बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद केवल एक संस्थागत निकाय नहीं, बल्कि किसानों के आत्मसम्मान, अधिकार और आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम है। मंडियों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जहां किसान सुविधाजनक, सुरक्षित और सम्मानजनक ढंग से अपनी उपज का विक्रय कर सके।

    उन्होंने सभी प्रधान कृषि मंडी स्थलों में ‘शबरी कैंटीन’ स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके लिए भूमि मंडी परिषद द्वारा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी और संचालन गैर-सरकारी या स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जाए।

    बैठक में अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंडी परिषद की कुल आय 1994.55 करोड़ रुपये रही है, जो कि वर्ष 2023-24 की तुलना में 16.2 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंडी एवं उपमंडी स्थलों के निर्माण, उन्नयन और जीर्णोद्धार के लिए 195.30 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

    242.27 करोड़ रुपये की लागत से नए संपर्क मार्गों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 10 नए मंडी एवं उपमंडी स्थलों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिनमें से चार पूरी तरह बनकर तैयार हो गए हैं, जबकि शेष छह पर निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आवश्यकता के अनुसार नई मंडियों की स्थापना की जाए और इसके लिए पीपीपी माडल पर संभावनाएं तलाश कर योजनाएं बनाई जाएं। लखनऊ के गाेमतीनगर स्थित विकल्प खंड में एग्रीमाल के निर्माण तेजी से पूर्ण कराएं और अनावश्यक देरी पर जिम्मेदारों विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

    मंडी परिषद द्वारा नई सड़कों का निर्माण एफडीआर तकनीक से कराया जाए। सभी मंडियों में पेयजल, सड़क, शौचालय, विश्रामगृह, विद्युत जैसी मूलभूत सुविधाएं समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित की जाएं।

    बैठक में प्रयागराज स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र को मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभांवित करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के नौ विश्वविद्यालयों और 60 महाविद्यालयों में संचालित है।

    आम की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्री-हार्वेस्ट मैनेजमेंट के तहत किसानों को मैंगो प्रोटेक्टिव बैग्स और इंसेक्ट फ्लाई ट्रैप्स जैसी सामग्री निश्शुल्क उपलब्ध कराने का भी फैसला लिया गया।