Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में 1591.93 लाख की लागत से बन रहा नया ब्रिज, इन 2 जिलों को होगा फायदा; मगर बरसात ने रोक दिया काम

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 03:45 PM (IST)

    लखनऊ में बारिश के कारण मरी माता फ्लाईओवर और जबरेला घाट पुल के निर्माण में बाधा आ रही है। मिट्टी की कमी से सेतु निगम को परेशानी हो रही है। पुराने पुल पर भारी वाहनों का आवागमन बंद होने से यातायात प्रभावित है। 1591.93 लाख रुपये की लागत से बन रहे जबरेला सेतु का काम नवंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है

    Hero Image
    जबरेला में बन रहा सेतु का काम बरसात के कारण बंद - प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। बरसात कही नए सेतु का लोकार्पण नहीं करने दे रही है तो कही निर्माणाधीन फ्लाईओवर में बाधा बनी हुई है। मरी माता फ्लाईओवर पर बरसात के कारण ब्लैक टाप यानी डामरीकरण नहीं हो पा रहा है।

    वहीं लखनऊ व उन्नाव को जोड़ने वाले साईं नदी पर बन रहे जबरेला घाट पर पुराने सकरे पुल के स्थान पर बन रहे नए सेतु का काम इसलिए बंद कर दिया गया है कि बरसात हो रही है। वहीं मिट्टी भी सेतु निगम को आसानी से नहीं मिल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उधर सेतु बनकर तैयार है लेकिन सेतु के दोनों तरफ रोड की कनेक्टिविटी के लिए मिट्टी की आवश्यकता है। वर्तमान में बरसात के कारण यहां काम पिछले एक सप्ताह से बंद है। अभियंताओं का तर्क है कि नवंबर 2025 के मध्य तक सेतु का काम पूरा कर दिया जागा।

    वहीं सेतु न बनने से पुराने सकरे सेतु पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद है। यह सेतु लखनऊ व उन्नाव के बीच भारी वाहनों के लिए मददगार था लेकिन अब महीनों से यहां भारी वाहनों का संचालन बंद है।

    स्थानीय लोगों ने बताया कि जबरेला सेतु पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम इकाई द्वितीय 1591.93 लाख रुपये खर्च कर रही है। इसकी लंबाई 90.23 मीटर है और चौड़ाई 10.50 मीटर रखी गई है।

    अभियंताओं ने बताया कि यहां सेतु का काम जमीन पर 18 नवंबर 2024 से शुरू किया गया था और काम खत्म करने की तिथि 30 जून 2026 है। हालांकि अभियंता सेतु से जुड़ा काम इसी वर्ष खत्म करने का दावा कर रहे हैं।

    वहीं कानपुर, उन्नाव से आने वाले भारी वाहन नवंबर से इस सेतु का उपयोग आसानी से कर सकेंगे। भारी वाहन इसी मार्ग का उपयोग करते हुए रायबरेली, ऊंचाहार, सुलतानपुर, इलाहाबाद, बनारस जाती हैं। इसके अलावा लखनऊ भी वाहन आते हैं। लखनऊ की तरफ से भी उन्नाव, कानपुर व उसके आगे गंतव्य को वाहन जाते हैं।

    इस मार्ग पर टोल नहीं पड़ता है 

    टोल बचाने के लिए भी अधिकांश लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं। क्योंकि यह राज्य राजमार्ग है। इस मार्ग पर अभी तक टोल की व्यवस्था नहीं है। लखनऊ-कानपुर वाले रास्ते पर नवाबगंज के पास टोल की व्यवस्था है, यहां से टोल देकर ही वाहन चालकों को निकलना पड़ता है।

    अगर दही चौकी से वाहन चालक जबरेला होते हुए मोहनलालगंज का रास्ता पकड़ते हैं तो उनका ईंधन व टोल दोनों बचते हैं। साथ ही जाम का सामना नहीं करना पड़ता है।