चारबाग आने वाली ट्रेनों को दूसरे मार्ग पर शिफ्ट करने की तैयारी में रेलवे प्रशासन, अलग रूट पर परीक्षण शुरू
लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन अब अपने ट्रेनों को दूसरी रूट पर शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। इसकी मुख्य बजह है चारबाग पर बढ़ रहे यातायात। हालांकि रेलवे प्रशासन ने इसका परीक्षण भी शुुरू कर दिया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। चारबाग रेलवे स्टेशन पर बढ़ रहे यातायात के दबाव को कम करने के लिए रेलवे प्रशासन अब नए रूट की तलाश कर रहा है। जिससे लखनऊ के चारबाग स्टेेेशन आने वाली कुछ ट्रेनों को दूसरे छोटे स्टेशनों पर शिफ्ट किया जा सके। रेलवे की नए रूट की मुश्किल कम हो सकती हैं। रेलवे ने उतरेटिया से चारबाग स्टेशन की ओर आने वाली तीन एक्सप्रेस ट्रेनाें को आलमनगर-उतरेटिया मालगाड़ी के बाईपास पर एक दिन के लिए डायवर्ट कर आपरेशन के दृष्टिकोण से अपना परीक्षण कर लिया है।
अब रेलवे संरक्षा, परिचालन और वाणिज्य अनुभाग के अधिकारी इस परीक्षण पर अपनी रिपोर्ट बनाकर रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे। दरअसल, उतरेटिया से आलमनगर तक 20 किलोमीटर की एकल लाइन की मालगाड़ी का बाईपास था। पिछले दिनों ही रेलवे ने इस बाईपास की डबलिंग का काम भी पूरा कर लिया। अब इस सेक्शन पर मालगाड़ियाें की संख्या भी बढ़ गई है।
वहीं चारबाग स्टेशन पर प्रतिदिन औसतन 280 ट्रेनों का संचालन होता है। ऐसे में रेलवे की योजना है कि मुरादाबाद व बरेली की ओर से चारबाग स्टेशन आकर सुलतानपुर और रायबरेली रूट पर जाने वाली कुछ ट्रेनों को आलमनगर स्टेशन पर ठहराव दिया जाए। यहां से इन ट्रेनों को ट्रांसपोर्टनगर स्टेशन के रास्ते उतरेटिया की ओर भेजा जाए। जहां से ट्रेनें सुलतानपुर और रायबरेली की ओर निकल सकेंगी।
बुधवार को चारबाग अंडरपास पर रेलवे ने गर्डर बदलने का काम किया था। इस काम के लिए रेलवे ने हावड़ा-अमृतसर पंजाब मेल, वाराणसी-देहरादून जनता एक्सप्रेस और टनकपुर-सिंगरौली त्रिवेणी एक्सप्रेस को उतरेटिया-ट्रांसपोर्टनगर-आलमनगर होकर चलाया था। इन तीन ट्रेनाें को चलाकर रेलवे ने संचालन से जुड़े संरक्षा मानकों को भी परखा। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मालगाड़ी के बाईपास पर एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने के लिए यह सेक्शन बेहतर है। अब जल्द ही आलमनगर स्टेशन का विकास किया जाएगा। जिसके बाद ट्रेनें शिफ्ट हो जाएंगी।