Lucknow: राजधानी की बिजली व्यवस्था दुरुस्त और सुचारू बनाए रखने में मदद करेंगी 56 वैन
Lucknow Power Supply: विभाग की वैन में एक ऐसा गैंग होगा, जिसमें तकनीकी कर्मी के साथ ही श्रमिक भी होंगे। यह संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर सर्वप्रथम बिजली के खंभे पर चढ़ने से पहले शटडाउन लेंगे और फिर मरम्मत का काम करेंगे। यही नहीं काम सम्पन्न करने के बाद वहां की फोटो विभागीय ग्रुप पर डालेंगे और बताएंगे कि समस्या का समाधान कर दिया गया है।

बिजली के फॉल्ट को ठीक करते कर्मी (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी लखनऊ में नई बिजली व्यवस्था को लेकर कवायद तेज हो गई है। नई बिजली व्यवस्था 15 नवंबर से वर्टिकल रूप में लागू होने जा रही है। इस व्यवस्था में अब साइकिल से कोई लाइनमैन नहीं आएगा।
राजधानी के किसी भी क्षेत्र में हुए बिजली के फॉल्ट को ठीक करने के लिए विभाग की वैन या हाफ डाला आएगा। इसमें एक ऐसी गैंग होगी जिसमें तकनीकी कर्मी के साथ ही श्रमिक भी होंगे। यह संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर सर्वप्रथम बिजली के खंभे पर चढ़ने से पहले शटडाउन लेंगे और फिर मरम्मत का काम करेंगे। यही नहीं काम सम्पन्न करने के बाद वहां की फोटो विभागीय ग्रुप पर डालेंगे और बताएंगे कि समस्या का समाधान कर दिया गया है।
उपभोक्ता का फीडबैक भी लिया जाएगा। फिर समस्या हल होने के कुछ देर बाद उपभोक्ता के पास एक मैसेज आएगा कि आपकी समस्या का निस्तारण कर दिया गया है। टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कराने वाले प्रत्येक उपभोक्ता के पास मैसेज भेजकर बताया जाएगा कि समस्या का निस्तारण कर दिया गया है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल ने बताया कि राजधानी में नई बिजली व्यवस्था को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सभी जोन में अभियंताओं से लेकर बाबुओं तक की तैनाती भी कर दी गई है। पहले चरण में 28 हेल्प वैन चलाई जाएंगी, फिर चरणबद्ध् तरीके से इनकी संख्या 56 कर दी जाएगी। उद्देश्य होगा कि उपभोक्ता द्वारा बिजली से जुड़ी शिकायत दर्ज होने के कुछ देर बाद ही टीम मौके पर पहुंच जाए। उन्हाेंने बताया कि भविष्य में अगर हेल्प वैन की जरूरत और पड़ती है तो उसका अध्ययन करने के बाद वैन की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
पंद्रह लाख उपभोक्ताओं काे संभालना होगी चुनौती
राजधानी में पंद्रह लाख बिजली उपभोक्ता हैं। वर्तमान में इनकी शिकायतों का ग्राफ आधे से भी कम है। क्योंकि नवंबर से फरवरी माह में बिजली से जुड़ी शिकायतें काफी कम हो जाती है। क्योंकि बिजली की खपत गर्मियों की तुलना में आधी हो जाती है। फाल्ट की संख्या 30 प्रतिशत के आसपास ही रहती है। कोई ट्रांसफार्मर, एरियल बंच केबल ओवर लोड के कारण जला नहीं। वहीं अप्रैल से फाल्ट दोगुना हो जाते हैं। अब देखना होगा कि नई वर्टिकल बिजली व्यवस्था में आगामी गर्मी में कैसी रहती है बिजली व्यवस्था और शिकायतों का निस्तारण किस गति से किया जाता है।

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