लखनऊ में कूड़ाघर बन कॉलोनियों के वातावरण को प्रदूषित कर रहे खाली पड़े प्लॉट, जनता परेशान
लखनऊ में खाली पड़े भूखंड गंदगी और कूड़े का अड्डा बनते जा रहे हैं जिससे स्थानीय निवासी परेशान हैं। सीतापुर रोड से लेकर गोमतीनगर तक कई इलाकों में भूखंडों पर कूड़ा जमा है जिससे दुर्गंध और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। नगर निगम की सफाई के दावे के बावजूद स्थिति जस की तस है और लावारिस भूखंड निवासियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। सीतापुर रोड में मडिय़ाव के श्रीनगर निवासी जयपाल सिंह नेगी उस भूखंड से परेशान हैं, जो गंदगी का अड्डा बन गया है। भूखंड में ही गोबर भी एकत्र किया जाता है तो आते जाते लोग कूड़ा फेंक देते हैं। अब भूखंड कूड़े और गोबर से लबालब भर चुका है।ॉ
बारिश के बाद तो दुर्गंध इस कदर उठती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है लेकिन खाली भूखंडों के मालिकों के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई यहां नहीं दिखती है। जयपाल सिंह हर स्तर पर शिकायत करते करते थक चुके हैं लेकिन प्रदूषण भरे माहौल से उन्हें राहत नहीं मिल रही है।
खाली भूखंड सिर्फ जंगल ही नहीं बन रहे हैं या उसमे सांप बिच्छुओं का बसेरा ही नहीं है, बल्कि वह गंदगी का अड्डा भी बन रहे हैं। नगर निगम में 18200 खाली भूखंडों की नगर निगम दो हजार से अधिक की सफाई का दावा भी कर रहा है लेकिन यह सफाई कुछ दिन फिर से पुरानी शक्ल में ही दिखने लगती है।
चिनहट के सनातन नगर हरिहर नगर में भी भूखंड संख्या 632/ 132 कूड़ाघर बन गया है। यह भूखंड किसका है? किसी को पता नहीं है। यहां के निवासी राजेश्वर सिंह समेत कई अन्य भूखंड से एकत्र कूड़े से उठ रही दुर्गंध से परेशान हैं तो हवा चलने पर कचरा उड़कर घरों में आ जाता है।
कुर्सी रोड के अतरौली की मायापुरी कालोनी में भूखंड तो कूड़ा डम्पिंग ग्राउंड बन गए हैं। यहां सड़क से निकलना ही मुश्किल होता है, कारण यह है कि भारी दुर्गंध रहती है।
यहां के निवासी राजू यादव कहते हैं कि कई भूखंडों में अवैध झुग्गी झोपड़ी वाले भी बस गए हैं, जो कूड़ा उठाने का काम करते है और अनुपयोगी कूड़ा सड़क व खाली जगहों पर फेंक देते हैं। इतना ही नहीं नगर निगम की गाड़ी से अस्पताली कचरा भी फेंका जाता है।
विपुल खंड में 25 साल से लावारिस पड़ा है भूखंड
अगर किसी का भूखंड गोमतीनगर की पास कालोनी विपुल खंड में है तो उसका दाम सोने से भी तेजी से बढ़ रहा है लेकिन दूसरी तरफ इस भूखंड से कालोनी के अन्य निवासियों की मुसीबत भी बढ़ रही है। यहां के निवासी महेश अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि विपुल खंड का भूखंड नंबर 6/ 25 करीब पचीस साल से खाली पड़ा है, जिसमे जंगली पौधे उग आए हैं।
जंगली जीवों के साथ ही जहरीले सांपों का बसेरा है। ये सांप उनके घर में ही घुस जाते हैं लेकिन लावारिस इस भूखंड को कभी कोई देखने तक नहीं आया है।
विजयंत खंड में भी गोमतीनगर के विजयंत खंड में 1/33 भी खाली है। पड़ोसी 1/34 निवासी बीसी पांडेय कहते हैं कि वर्षों से खाली पड़ा है तथा स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा कर रहा है। लोगों का कहना है कि आज तक उन लोगों ने किसी को नहीं देखा, जो भूखंड को देखने आया है। अब यह भूखंड किसका है और एलडीए कार्रवाई क्यों नहीं की।
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