उत्तर प्रदेश के 6 शहरों के रक्षा औद्योगिक गलियारों में भूखंड की दरें तय, जमीन खरीदने की दौड़ शुरू
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने रक्षा औद्योगिक गलियारों में भूखंडों की दरें तय की हैं। अलीगढ़ में सबसे अधिक और झांसी में सबसे कम दर निर्धारित की गई है। रक्षा उपकरणों की इकाइयों के लिए कंपनियों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे। यूपीडा ने आईएमएलसी के लिए भी भूखंडों की संभावित दरें निर्धारित की हैं जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने रक्षा औद्योगिक गलियारों में भूखंडों की दरें निर्धारित कर दी हैं। सबसे ज्यादा 4,005 रुपये वर्ग मीटर की दर अलीगढ़ नोड में निर्धारित की गई है, जबकि सबसे कम दर झांसी नोड में 529 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।
वहीं आगरा नोड में 2,739 रुपये, लखनऊ नोड में 1,716 रुपये, कानपुर नगर में 1,316 रुपये व चित्रकूट नोड में 860 रुपये प्रति वर्ग मीटर भूखडों की दर तय की गई है।
उत्तर प्रदेश को रक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य में रक्षा औद्योगिक गलियारों के छह नोड की स्थापना की जा रही है।
अलीगढ़, आगरा, लखनऊ, कानपुर नगर, चित्रकूट व झांसी में स्थापित किए जा रहे रक्षा औद्योगिक गलियारे में कंपनियों को रक्षा उपकरणों की इकाइयों की स्थापना के लिए भूखंडों का आवंटन किया जा रहा है। इसे लेकर यूपीडा बोर्ड ने सभी छह नोड्स में भूखंडों की दरें निर्धारित कर दी हैं। यूपीडा के सूत्रों के अनुसार निर्धारित रेट में पांच से दस प्रतिशत का अंतर आ सकता है।
रक्षा औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत यूपीडा ने झांसी में 2,686 एकड़, चित्रकूट में 707 एकड़, कानपुर नगर में 551 एकड़, अलीगढ़ में 399 एकड़, लखनऊ में 396 एकड़ व आगरा में 278 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है।
सभी छह नोड में अभी तक 5,017 एकड़ भूमि की उपलब्ध है। उपलब्ध भूमि में से रक्षा औद्योगिक इकाइयों को करीब 70 प्रतिशत भूमि आवंटित करने की रणनीति यूपीडा ने तय की है। भूखंडों का आकार करीब ढाई से तीन एकड़ के बीच होगा। जिसे विकसित करने पर तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने की उम्मीद है।
आइएमएलसी के लिए भी भूखंडों की दरें निर्धारित
यूपीडा बोर्ड ने एक्सप्रेसवे के किनारे 26 जिलों में बनने वाले 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एवं लाजिस्टिक क्लस्टर (आइएमएलसी) के लिए भी भूखंडों की संभावित दरें निर्धारित कर दी हैं। यूपीडो बोर्ड द्वारा निर्धारित की गई दरों में भूमि की अधिग्रहण व विकास की लागत व दो प्रतिशत प्रशासनिक व्यय को भी शामिल किया गया है।
डीएम सर्किल रेट में बढ़ोतरी व अन्य कारणों से निर्धारित दरों में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। उद्योगपतियों को इकाइयों की स्थापना के लिए तीन विकल्प दिए जाएंगे। इनमें खुद के उपयोग के लिए बड़े भूखंड़, टेलर मेड औद्योगिक भूखंड व पीपीपी माडल पर क्लस्टर या औद्योगिक पार्क विकसित करने के विकल्प शामिल हैं।
आइएमएलसी परियोजना के लिए निर्धारित की गई संभावित दरें
यूपीडा द्वारा आइएमएलसी परियोजना के लिए निर्धारित की गई संभावित दरों के अनुसार संभल में 4,650 रुपये प्रति वर्ग मीटर, मेरठ में 9,760 रुपये, उन्नाव में 5,010 रुपये, हरदोई में 3,120 रुपये, बदायूं में 4,420 रुपये, शाहजहांपुर में 3,800 रुपये, अमरोहा में 4,170 रुपये, प्रतापगढ़ में 4,290 रुपये, रायबरेली में 3,930 रुपये, हापुड़ में 5,090 रुपये, प्रयागराज में 4,840 रुपये, बांदा में 4,660 रुपये, जालौन में 2,980 रुपये, चित्रकूट में 2,730 रुपये, औरैया में 7,020 रुपये, महोबा में 3,510 रुपये, हमीरपुर में 2,810 रुपये, फिरोजाबाद में 3,980 रुपये, इटावा में 4,310 रुपये, कन्नौज में 2,980 रुपये, सुलतानपुर में 4,000 रुपये, अंबेडकर नगर में 4,950 रुपये, गाजीपुर में 6,980 रुपये, बाराबंकी में 3,580 रुपये, अमेठी में 3,830 रुपये, अंबेडकर नगर में 4,800 रुपये व गोरखपुर में 6,080 रुपये प्रति वर्ग मीटर भूमि की दर तय की गई हैं।
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