अब यूरोप-इजराइल में लगेगा UP के मिस्त्री-कारीगरों का हुनर, विदेश भेजे जा रहे हजारों श्रमिक
उत्तर प्रदेश के मिस्त्री और मजदूर अब विदेशों में भी काम करेंगे। इजराइल जापान जर्मनी क्रोएशिया और यूएई जैसे देशों से श्रमिकों की मांग बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने में मदद करेगा। श्रम विभाग श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम कर रहा है और डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के मिस्त्री और मजदूर अब सिर्फ अपने गांव और कस्बे में नहीं, बल्कि मिडिल ईस्ट और यूरोप तक की इमारतें खड़ी करेंगे। इन श्रमिकों की विदेशों में मांग बढ़ रही है। इजराइल, जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और यूएई जैसे देशों से अब प्रदेश के निर्माण श्रमिक, नर्स, केयरगिवर और ड्राइवरों के लिए बड़े पैमाने पर मांग आ रही है।
श्रम विभाग इन अवसरों को सुनियोजित तरीके से साकार करने में जुटा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन भी किया जा रहा है, ताकि युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने की प्रक्रिया और सरल हो सके।
पिछले वर्ष इजराइल की संस्था पीआइबीए (जनसंख्या और आव्रजन प्राधिकरण) के सहयोग से प्रदेश से करीब छह कुशल निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजा गया, जिनकी कमाई से प्रदेश में हर साल लगभग 1,000 करोड़ रुपये का विदेशी धन आना तय माना जा रहा है।
अब 1383 नए श्रमिकों को इजराइल भेजने की प्रक्रिया चल रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इजराइल के अलावा जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और यूएई भी उत्तर प्रदेश से कुशल मानव संसाधन मांग रहे हैं। खासतौर पर नर्स, केयरगिवर और ड्राइवरों की बहुत अधिक मांग है।
इसके लिए श्रम विभाग ने युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण और दस्तावेजों की व्यवस्था में सहयोग देना शुरू कर दिया है। उधर, प्रदेश सरकार की श्रम और उद्योग नीति का असर यह है कि वर्ष 2017-18 में जहां 14,169 कारखाने पंजीकृत थे, वह संख्या 2024-25 के आते-आते 27,295 हो गई।
यानी आठ वर्ष में 13,126 नए कारखाने खुले, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। महिलाओं को लेकर भी श्रम विभाग ने अब उन्हें किसी भी फैक्ट्री में, किसी भी पाली में काम करने की छूट दे दी गई है। इससे महिला कार्यबल का दायरा बढ़ेगा और आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी।
श्रम विभाग सिर्फ रोजगार ही नहीं, बल्कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। वर्ष 2025 में 11,675 निरीक्षण किए गए। इसमें 2,289 मामलों में अभियोजन दायर किए गए। विभिन्न श्रम अधिनियमों के तहत 34.48 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
अब श्रमिकों को पंजीकरण, लाइसेंसिंग और शिकायत समाधान जैसे कार्यों के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। श्रम विभाग डिजिटल प्लेटफार्म्स के जरिये ई-सेवाएं उपलब्ध कराकर पारदर्शिता और कार्यक्षमता को भी बढ़ा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।