यूपी में सहकारी महाविद्यालय की स्थापना करेगी सरकार, 16 बंद जिला सहकारी बैंक भी होंगे पुनर्जीवित
उत्तर प्रदेश सरकार सहकारिता के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना करेगी। सरकार ने बंद पड़े सहकारी बैंकों को पुनर्जीवित किया है जिससे उनका एनपीए कम हुआ है। अन्न भंडारण योजना के तहत गोदामों का निर्माण किया जाएगा। एम-पैक्स के गठन को बढ़ावा दिया जा रहा है और उन्हें उर्वरक वितरण के लिए ब्याज मुक्त कर्ज दिया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार सहकारिता के क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना करने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की उपस्थिति में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को महाविद्यालय की स्थापना के निर्देश दिए। केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में सहकारी बैंकिंग सुधारों की समीक्षा करते हुए बताया गया कि वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक प्रदेश सरकार द्वारा 16 बंद जिला सहकारी बैंकों को 306.92 करोड़ रुपये की सहायता से पुनर्जीवित किया गया है।
इन बैंकों का नान परफार्मिंग असेट (एनपीए) 2017 में 800 करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2025 में 278 करोड़ रुपये रह गया है। मार्च 2025 तक एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज देने से सभी बैंक लाभ में आ गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और जमाकर्ताओं का विश्वास ही सहकारिता की असली पूंजी है, इसे हर हाल में सुरक्षित रखा जाए।
अन्न भंडारण योजना की प्रगति पर चर्चा करते हुए बताया गया कि एफसीआइ ने प्रदेश के 35 जिलों में 96 स्थलों की पहचान की है। इनका निर्माण कार्य जनवरी 2026 से शुरू कर अप्रैल 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि गोदाम निर्माण किसानों की समृद्धि का आधार है, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इनके बनने से देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना पूरी हो जाएगी। इस अवसर पर एम-पैक्स के गठन और कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से समीक्षा की गई।
वर्ष 2024-25 में 266 एम-पैक्स की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 457 नये एम-पैक्स गठित हो चुके हैं। सितंबर माह में 1,088 ग्राम पंचायतों में गठन प्रक्रिया चल रही है। एम-पैक्स को उर्वरक वितरण के लिए 10 लाख रुपये तक ब्याज-मुक्त कर्ज सीमा दी गई है।
जिससे अब तक 5,400 करोड़ रुपये का टर्नओवर और 120 करोड़ की मार्जिन मनी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार 757 नवगठित एम-पैक्स के लिए सरकार एक लाख रुपये मार्जिन मनी तथा एक लाख रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए उपलब्ध करा रही है।
डिजिटल भुगतान व्यवस्था के तहत 6,101 सोसाइटी में क्यूआर/यूपीआइ आधारित प्रणाली लागू हो चुकी है। व्यवसाय विविधीकरण को बढ़ावा देते हुए 5170 एम-पैक्स में सीएससी सेवाएं, 6443 में पीएम किसान समृद्धि केंद्र तथा 161 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्र अस्पतालों के निकट स्थापित किए जाएं और सहकारिता को युवाओं के लिए कृषि, डेयरी, मत्स्य व सेवा क्षेत्रों में रोजगारमूलक अवसरों का द्वार बनाया जाए। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रकाश शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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