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    यूपी में Cyber Crime पर कसी जाएगी नकेल, प्रदेश में जल्द स्थापित होगा साइबर मुख्यालय

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 09:15 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही साइबर मुख्यालय की स्थापना होगी और सभी जिलों में साइबर थाने खुल चुके हैं। फॉरेंसिक विज्ञान से अपराधों को सुलझाने में मदद मिल रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय समिट का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने 75 जिलों के लिए फॉरेंसिक मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाई और डीएनए जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

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    राज्य में स्थापित किया जाएगा साइबर मुख्यालयः योगी।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में शीघ्र ही साइबर मुख्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान की चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा। अब राज्य के सभी जिलों में साइबर थानों की स्थापना की जा चुकी है।

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    हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना हो चुकी है। फारेंसिक विज्ञान की मदद से अपराधों को सुलझाने में मदद मिल रही है। एक समय वह भी था जब अपराधी उत्तर प्रदेश पुलिस को दौड़ाते थे, लेकिन अब 24 से 48 घंटों में बड़े से बड़े आपराधिक मामलों को सुलझाया जा रहा है। अपराधियों में अब पुलिस का भय है।

    मुख्यमंत्री ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य फारेंसिक विज्ञान संस्थान (यूपीएसआइएफएस) में साइबर युद्ध के आयाम, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे, फारेंसिक और रणनीतिक प्रतिकार विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट का शुभारंभ किया।

    उन्होंने कहा कि संस्थान के तीसरे स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित इस विचार-मंथन सम्मेलन से अमृत निकलेगा। महाकुंभ संपूर्ण भारत के ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाता आ रहा है। इस संस्थान को बनाने की मंशा भी यही थी कि ज्ञान-विज्ञान के उपयोग से अपराधों पर कैसे नियंत्रण किया जाए।

    आज से 3,500 वर्ष पहले नैमिषारण्य में 88,000 ऋषि-मुनियों ने एक साथ एकत्र होकर पौराणिक ज्ञान पर मंथन किया था। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि इस तीन दिवसीय मंथन से भी ज्ञान का अमृत निकलेगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले फारेंसिक विज्ञान की राज्य में केवल चार प्रयोगशालाएं थीं। भाजपा सरकार के आने के बाद प्रयोगशालाओं की संख्या 12 हो चुकी है। छह और स्थापित की जा रही हैं। जल्द ही सभी 18 रेंज में फारेंसिक विज्ञान की प्रयोगशालाएं खुल जाएंगी। पिछली सरकार ने गौतम बुद्ध नगर में केवल एक साइबर थाना खोला था।

    अब सभी जिले में साइबर थाने खोले जा चुके हैं। सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर के समय सभी ने साइबर वार को देखा है। आसमान में मिसाइलों, ड्रोन व तकनीक का युद्ध हुआ। इसलिए समय की चुनौतियों के अनुसार हमें खुद को तैयार करना होगा। योगी ने कहा कि सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान तकनीक के माध्यम से करना होगा।

    डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि पुलिस अब स्मार्ट पुलिस बन रही है। भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि अब भारत तकनीक के मामले में विदेश पर निर्भर नहीं रहना चाहता है।

    ई-मेल की सुविधा अब भारतीय कंपनी उपलब्ध करा रही है। अब ध्वनि आधारित एआइ सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक डा. जीके गोस्वामी ने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए डाटा संरक्षण व सुरक्षा जरूरी है। कार्यक्रम में गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, आइटी वव इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव उपस्थित थे।

    सभी जिलों के लिए मोबाइल फारेंसिक वैन, मौके पर की जा सकेगी रक्त व सीमेन की जांच

    मुख्यमंत्री ने सभी 75 जिलों के लिए तैयार की गई फारेंसिक मोबाइल वाहनों को हरी झंडी दिखाई। अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने बताया कि हर जिले में एक-एक मोबाइल वैन उपलब्ध है। आज जिलों को दी गई वैन में वैज्ञानिक साक्ष्यों के संग्रहण, पैकिंग, लेबलिंग, रक्त व सीमेन की जांच मौके पर ही की जा सकेगी।

    वैन में क्राइम सीन प्रोटेक्शन, साक्ष्य संकलन, प्रारम्भिक जांच किट, ड्रग्स की पहचान करने वाली किट, रेफ्रिजरेटर, लैपटाप, वीडियो कैमरा व हार्ड डिस्क की सुविधा दी गई है। बीएनएसएस की धारा 176(3) के अनुसार पुलिस को सात वर्ष या उससे अधिक की सजा के प्रविधान वाले अपराधों में फारेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल का निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है।

    डीएनए जांच, एआइ ड्रोन तकनीक प्रयोगशाला व पुस्तकालय का उद्घाटन

    मुख्यमंत्री योगी ने संस्थान में नवनिर्मित पदमश्री लाल सिंह डीएनए जांच प्रयोगशाला, एआइ ड्रोन तकनीक प्रयोगशाला व अटल बिहारी वाजपेयी पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया। साथ ही संस्थान के आठ मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट भी वितरित किए।

    इन विशेषज्ञों ने रखी अपनी राय

    समिट के पहले दिन संस्थान के निदेशक डा. जीके गोस्वामी के अलावा स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय कैलिफोर्निया के प्रोफेसर अमित कपूर, केंद्रीय फारेंसिक विज्ञान निदेशालय के निदेशक डा.एसके जैन, सीबीआइ के पूर्व विशेष निदेशक प्रवीन सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के संयुक्त सचिव जी नरेन्द्र नाथ, एकेटीयू के वीसी प्रोफेसर जेपी पांडेय, अमेरिका के साइबर विशेषज्ञ पवन शर्मा, आइआइआइटी हैदराबाद के निदेशक संदीप शुक्ला, प्रमा ज्योति फाउंडेशन के संस्थापक रवि शर्मा व रूपा ने अपने विचार व्यक्त किए।