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    UP के 121 पॉलिटेक्निक बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, टाटा टेक्नोलॉजी देगी आधुनिक तकनीक की ट्रेनिंग

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 06:48 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के 121 राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों को टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 45 कॉलेजों का अपग्रेडेशन होगा। इस परियोजना से ग्रामीण युवाओं को तकनीकी शिक्षा में बेहतर अवसर मिलेंगे। प्रत्येक संस्थान को आधुनिक उपकरण और लैब के लिए लगभग 5732 लाख रुपये मिलेंगे जिससे छात्रों को स्टार्टअप और नवाचार में मदद मिलेगी।

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    टाटा के सहयोग से तकनीकी क्रांति का केंद्र बनेंगे पॉलिटेक्निक कालेज।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को नई ऊंचाई मिलेगी। अब टाटा टेक्नोलाजी लिमिटेड (टीटीएल) के सहयोग से प्रदेश के 121 राजकीय पालिटेक्निक कालेजों को सेंटर आफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा। इस पर कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।

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    पहले चरण में 45 पालिटेक्निक कालेजों का अपग्रेडेशन किया जाएगा। यह युवाओं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए गेम चेंजर साबित होगी।

    प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि इससे पहले टाटा टेक्नोलाजी के सहयोग से आइटीआइ संस्थानों का सफलतापूर्वक अपग्रेडेशन किया जा चुका है। अब वही माडल पालिटेक्निक कालेजों पर लागू किया जा रहा है, जिससे तकनीकी शिक्षा का स्तर और भी ऊंचा होगा।

    कार्यादेश जारी होने के बाद एक वर्ष के भीतर ये सेंटर आफ एक्सीलेंस तैयार हो जाएंगे। टाटा टेक्नोलाजी संस्थानों को अत्याधुनिक उपकरण, स्मार्ट क्लासरूम और तकनीकी लैब उपलब्ध कराएगा, जिससे छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का भरपूर अवसर मिलेगा।

    अपग्रेडेड संस्थानों में छात्रों को स्मार्ट आटोमेशन, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग जैसी नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण मिलेगा। यह पहल केवल नौकरी दिलाने तक सीमित नहीं होगी। अपग्रेडेड पालिटेक्निक कालेजों में छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने और नवाचार करने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक सहायता भी मिलेगी। यह संस्थान उद्यमिता को प्रोत्साहित करेंगे।

    हर पालिटेक्निक को मिलेंगे 5732 लाख रुपये

    मशीनों और तकनीकी उपकरणों की स्थापना के लिए हर संस्थान को औसतन 5732.12 लाख रुपये मिलेंगे। यानी कुल खर्च 693586.52 लाख रुपये अनुमानित है। इसमें 87 प्रतिशत यानी 603420.27 लाख रुपये टाटा टेक्नोलाजी वहन करेगी।

    शेष 13 प्रतिशत यानी 106396.17 लाख रुपये प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा खर्च किए जाएंगे। सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर व मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रत्येक संस्थान को 709.19 लाख रुपये मिलेंगे। इसके लिए राज्य सरकार कुल 858.11 करोड़ रुपये खर्च करेगी।