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    Fingerprint Digitization: यूपी में अपराध नियंत्रण पर जोर, 4 लाख से ज्यादा फिंगरप्रिंट का हुआ डिजिटलीकरण

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 07:44 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के लिए नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत 414473 अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डिजिटलीकरण किया गया है। अपराधियों की पहचान के लिए एसटीएफ एटीएस और जीआरपी को यह डेटा उपलब्ध कराया गया है। छह नई फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

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    राज्य में 4,14,473 फिंगरप्रिंट का हुआ डिजिटलीकरण।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में अपराध पर नियंत्रण के लिए नेशनल आटोमेटेड फ्रिंगर प्रिंट आइडेंटीफिकेशन सिस्टम (एनएएफआइएस) के तहत 4,14,473 अपराधियों के फ्रिंगर प्रिंट का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।

    इन फ्रिंगर प्रिंट्स को एसटीएफ की नौ यूनिट, एटीएस की एक यूनिट और जीआरपी की 12 इकाइयों को उपलब्ध कराया गया है, जो अपराधियों की पहचान में मददगार साबित हो रही हैं। साथ ही आधुनिक तकनीकों से युक्त छह और फारेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है।

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    यह प्रयोगशालाएं अयोध्या, बस्ती, बांदा, आज़मगढ़, मीरजापुर और सहारनपुर में स्थापित की जा रही हैं। इससे पहले राज्य में 12 प्रयोगशालाएं संचालित की जा रही है।

    प्रदेश में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का विस्तार किया जा रहा है। पहले प्रदेश में केवल चार प्रयोगशालाएं थी। सीमित संख्या में उपलब्ध प्रयोगशालाओं के कारण मामलों के निस्तारण में विलंब होता था, वहीं अब विभिन्न जिलों में उपलब्ध प्रयोगशालाओं से पुलिस और न्यायालयों को समयबद्ध रिपोर्ट प्राप्त हो रही है।

    साथ ही एनएएफआइएस के माध्यम से पुलिस को अपराधियों की पहचान और उनकी पुरानी गतिविधियों की जानकारी तेजी से मिल रही है। साथ ही अज्ञात शवों की पहचान में भी यह तकनीक अहम भूमिका निभा रही है।

    सरकार ने हाल ही में तीन नए अधिनियम (बीएमएस, बीएमएसएस, बीएसए-2023) लागू किए हैं, जिनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की नियुक्ति पर भी जोर दिया जा है।

    मुख्यमंत्री आज करेंगे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य फारेंसिक विज्ञान संस्थान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में साइबर, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे, फारेंसिक और रणनीतिक काउंटरमेजर्स जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।