Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी मदरसा बोर्ड में बड़ा बदलाव! कामिल-फाजिल डिग्री खत्म, अब नौकरी दिलाने वाली शिक्षा दी जाएगी

    Updated: Fri, 23 May 2025 07:01 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी मदरसा बोर्ड पाठ्यक्रम में बदलाव करेगा। कामिल और फाजिल डिग्रियां अब मान्य नहीं होंगी इसलिए शिक्षकों की योग्यता भी नए सिरे से तय होगी। मदरसों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार मदरसा बोर्ड अधिनियम में संशोधन करेगी कक्षा 9 से 12 तक का पाठ्यक्रम नए सिरे से बनेगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा।

    Hero Image
    मदरसा शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में जुड़ेगी व्यावसायिक शिक्षा। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मदरसों में दी जाने वाली उच्च शिक्षा की डिग्रियां कामिल (स्नातक) और फाजिल (परास्नातक) को असंवैधानिक करार देने के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड नए सिरे से पाठ्यक्रम तैयार करने जा रहा है। मदरसा शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए इसमें व्यवसायिक शिक्षा जोड़ी जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके लिए सरकार उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड अधिनियम व मदरसा नियमावली में भी संशोधन करने जा रही है। कामिल, फाजिल बंद होने से अब शिक्षकों की भर्ती की योग्यता भी नए सिरे से निर्धारित की जाएगी।

    प्रदेश में इस समय कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इन मदरसों में 9,979 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से आठ) तथा 3,350 माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा नौ से 12) के हैं। इनमें से 561 मदरसे प्रदेश सरकार से अनुदानित हैं, जिनमें कुल 2,31,806 छात्र पढ़ाई करते हैं। अनुदानित मदरसों में कार्यरत शिक्षकों की संख्या 9889 व कर्मचारियों की संख्या 8367 है।

    कामिल एवं फाजिल की डिग्री असंवैधानिक होने के बाद मदरसे के शिक्षकों की योग्यता का पुनर्निर्धारण विषयवार व कक्षावार किया जाएगा। मदरसे में कार्यरत शिक्षकों को कक्षा एक से पांच या फिर कक्षा छह-आठ में उपयोग करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। कार्यरत शिक्षकों की विषयवार योग्यता को चिह्नित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। ब्रिज कोर्स कराकर शिक्षकों को आधुनिक विषयों से जोड़ा भी जाएगा।

    चूंकि सरकार ने मदरसों में कक्षा एक से आठ तक बेसिक शिक्षा का पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है इसलिए मदरसा बोर्ड कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम नए सिरे से निर्धारित करेगा। सरकार अब मान्यता के मानक एवं शर्तों को शिक्षा विभाग के स्कूलों के समरूप बनाने के लिए तथा मदरसों के पाठ्यक्रम में बदलाव एवं शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों की नियुक्ति की अर्हता में परिवर्तन करने जा रही है।

    इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होने जा रहा है। इसमें बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव सदस्य होंगे। यह समिति मदरसों के सुचारू संचालन और शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा तथा विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बदलावों पर अपनी संस्तुति देगी।

    अध्यक्ष व सदस्यों की भी योग्यता होगी पुनर्निर्धारित

    मदरसा बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा आठ नामित व छह पदेन सदस्य होते हैं। इनके अध्यक्ष व सदस्यों की याेग्यता का भी पुनर्निर्धारण किया जाएगा। अभी अध्यक्ष की योग्यता में मुस्लिम शिक्षाविद् दर्ज है इसे और व्यापक बनाया जाएगा। सदस्यों की योग्यता का भी नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा।

    comedy show banner
    comedy show banner