दिव्यांग शिक्षकों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब मनपसंद स्कूल में हो सकेगी नियुक्ति
लखनऊ प्रदेश सरकार ने पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों के तबादले पर बड़ा फैसला लिया है। पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से तबादला चाहने वाले शिक्षकों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा खासकर दिव्यांग शिक्षकों को प्राथमिकता मिलेगी। शासन ने यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि कुछ शिक्षकों को ज्वाइन कराने के बाद उनका पुनः स्थानांतरण किन कारणों से किया गया?

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अधीनस्थ राजपत्रित (पुरुष व महिला शाखा) में पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों के तबादले को लेकर बड़ा कदम उठाया है। विशेष सचिव उमेश चंद्र ने शिक्षा निदेशक, माध्यमिक को निर्देश दिए हैं कि जिन शिक्षकों ने पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से अपने पदस्थापन (पोस्टिंग) में बदलाव के लिए आवेदन किया है, उनकी मांगों पर विचार करते हुए प्रस्ताव शासन को भेजें।
ऐसे में दिव्यांग शिक्षकों को अपनी पसंद का कालेज मिल सकता है।दैनिक जागरण ने राजकीय इंटर कालेज में कार्यरत दिव्यांग शिक्षकों की दूरस्थ तैनाती और संशोधन में अनदेखी से नाराजगी की खबर प्रकाशित की थी। अब इसका शासन ने संज्ञान लिया है।
शासन के निर्देशानुसार, दिव्यांग, कैंसर से पीड़ित शिक्षक या उनके आश्रितों को उनके द्वारा मांगे गए विद्यालय में पदस्थ किया जाए। यदि वहां पद खाली न हो तो उनकी वरिष्ठता के अनुसार नजदीकी विद्यालय में तैनाती दी जाए। जिन शिक्षकों की सेवा सेवानिवृत्ति में दो वर्ष से कम बची है, उन्हें भी उनकी पसंद के विद्यालय या नजदीकी विद्यालय में तैनाती दी जाए।
जिन शिक्षकों ने वरीयता के आधार पर विद्यालय के विकल्प दिए हैं, उन्हें उसी क्रम में प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही शासन ने यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि जब निदेशालय ने पदस्थापन की सूची शासन को भेज दी थी, तो कुछ शिक्षकों को ज्वाइन कराने के बाद उनका पुनः स्थानांतरण किन कारणों से किया गया?
इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, इसकी जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। यह पत्र शिक्षा विभाग, प्रयागराज और लखनऊ के सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि शिक्षकों को पारदर्शी, सहानुभूतिपूर्ण और नियम सम्मत तरीके से उनकी पसंद के स्कूलों में तैनाती मिल सके।
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