सिर्फ यूपी नहीं, कई राज्यों में कम नामांकन पर विद्यालयों का हो चुका है विलय
लखनऊ उत्तर प्रदेश में कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के विलय का रास्ता उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद साफ़ हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग अब विलय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। अन्य राज्यों में भी कम नामांकन के कारण स्कूलों का विलय या बंद किया गया है। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के पेयरिंग को लेकर अब कोई बड़ी कानूनी अड़चन नहीं है। हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार को राहत मिलने के बाद अब इन स्कूलों का नजदीकी विद्यालयों में विलय आसानी से किया जा सकेगा।
हालांकि कुछ राजनीतिक दल अब इसे सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी में हैं। दूसरी ओर, बेसिक शिक्षा विभाग अब आश्वस्त होकर विलय (पेयरिंग) प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में जुटा है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कम नामांकन पर विद्यालयों को विलय किए जाने के मामले में यूपी कोई पहला राज्य नहीं है। इससे पहले राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश जैसे नौ राज्यों में यह प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है।
कई जगहों पर तो नामांकन बेहद कम होने के चलते स्कूलों को पूरी तरह बंद भी करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश में पिछले ढाई वर्षों में कम या शून्य नामांकन वाले 1200 स्कूल बंद, इनमें 450 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं था। 25 से कम छात्रों वाले स्कूलों को विलय किया गया।
आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 5,900 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को हाई स्कूलों में मिलाया गया। झारखंड में शिक्षा सुधार की दिशा में 4,380 स्कूलों को मर्जर किया गया। असम में 30 से कम बच्चों वाले स्कूलों को मिलाया जा चुका है।
दिल्ली नगर निगम में 60 निगम स्कूलों का मर्जर कर उनका नाम भी बदल दिया गया। उत्तराखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात में भी कम छात्र संख्या वाले सरकारी स्कूलों को मर्ज किया गया या बंद कर दिया गया है।
ऐसे में अब यूपी सरकार हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद तेजी से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के नजदीकी विद्यालयों में विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। विभाग का मानना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी और संसाधनों का भी बेहतर उपयोग हो सकेगा।
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