यूपी सरकार ने बनाया सुपर एक्सपर्ट्स का इकोनॉमिक ब्रेनट्रस्ट, जानें कौन-कौन हैं शामिल?
Lucknow News | उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक मामलों पर सलाह के लिए 15 विशेषज्ञों का एक समूह बनाया है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर निशिकेत तिवारी समन्वयक होंगे। समूह में रक्षा श्रम शिक्षा कृषि और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समूह सरकार को आर्थिक नीतियों और विकास रणनीतियों पर सलाह देगा साथ ही वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों का विश्लेषण भी करेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आर्थिक और संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश सरकार को सुझाव देने के लिए गठित किए गए आर्थिक सलाहकार समूह में अलग-अलग क्षेत्रों के 15 विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। आइआइटी कानपुर के प्रो. निचिकेता तिवारी को ग्रुप समन्वयक बनाया गया है।
वहीं सलाहकार समूह (ईएजी) में रक्षा और श्रम प्रधान उद्योग-रोजगार क्षेत्र के लिए दो-दो विशेषज्ञों को स्थान दिया गया है। यह समूह दीर्घकालिक और रणनीतिक निर्णय लेने में मदद करेगा। सरकारी योजनाओं और नीतियों का मूल्यांकन कर सुधार के सुझाव देने के साथ प्रदेश की आर्थिक स्थिरता, समावेशी विकास और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में योगदान देगा।
रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में एलएंडटी डिफेंस के निदेशक और वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष जयंत पाटिल व भारत फोर्ज लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक अमित कल्याणी और श्रम प्रधान उद्योग-रोजगार क्षेत्र के विशेषज्ञ के तौर पर टीमलीज सर्विसेज लिमिटेड के सह-संस्थापक एवं उपाध्यक्ष मनीष सभरवाल व भारत विकास ग्रुप इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हनमन्तराव रामदास गायकवाड़ को नवगठित समूह में रखा गया है।
जबकि शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में एरिन कैपिटल पार्टनर्स के अध्यक्ष टीवी मोहनदास पई, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में आविष्कार ग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष विनीत राय, वाहन उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में मिंडा ग्रुप के अध्यक्ष व जीसीईओ आकाश मिंडा, अंतरिक्ष क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में अनंथा टेक्नोलाजी के संस्थापक एवं इंडियन सैट्कोम एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सुब्बाराव पावालूरी, सेमी कंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलाजीज लिमिटेड के एसएम सुंदरेशन, मेडिकल टेक्नोलाजी क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में स्कानरे टेक्नोलाजीज लिमिटेड के संस्थापक विश्व प्रसाद अल्वा, कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी एवं पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में सेंटर फार स्मार्ट सिटीज के संस्थापक राजेंद्र कुमार मिश्रा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम महासंघ के महासचिव अनिल भारद्वाज को शामिल किया गया है। इनके अलावा हास्पिटेलिटी इंडस्ट्री क्षेत्र के विशेषज्ञ राहुल पंडित और शक्ति एवं ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ रविकांत मिश्रा भी समूह का हिस्सा बनाए गए हैं।
सीएम द्वारा दिए गए आर्थिक मद्दों पर परामर्श देगा सलाहकार समूह
ईएजी आर्थिक एवं संबंधित मुद्दों पर सरकार को स्वतंत्र व उच्च गुणवत्ता वाली सलाह देगा। मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए किसी भी आर्थिक या अन्य मुद्दों का विश्लेषण करते हुए उन्हें परामर्श देने का काम करेगा। देश व वैश्विक स्तर पर होने वाले छोटे व बड़े आर्थिक परिवर्तनों का विश्लेषण और वैश्विक आर्थिक घटनाओं से प्रदेश पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करेगा।
समूह की अहम जिम्मेदारियों में प्रदेश की आर्थिक विकास रणनीति को बनाने में सहयोग देना तथा समावेशी विकास के लिए क्षेत्र विशेष के सुधारों और रणनीतियों पर सरकार को परामर्श देना है। विभिन्न विभागों को वर्तमान आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ मार्गदर्शन देने के साथ ही नीति निर्माण में निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करने के लिए भी परामर्श देने का काम समूह करेगा।
समूह रोजगार, असमानता, उत्पादकता जैसे प्रमुख आर्थिक विषयों, नीतियों और सार्वजनिक बहस को दिशा देने के लिए शोध करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। विभागों, अर्थशास्त्रियों, उद्योग विशेषज्ञों, अकादमिक क्षेत्र और हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी भी समूह को दी गई है। समूह सरकार की आर्थिक योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति और प्रभावशीलता पर नजर रखते हुए आवश्यकतानुसार संशोधन के लिए सुझाव भी देगा।
समूह के सदस्यों को कोई मानदेय नहीं मिलेगा। सदस्यों को राज्य सरकार के मानदंडों के अनुसार यात्रा भत्ता और अन्य प्रतिपूर्ति मिलेगा। सदस्य अपने निवास के शहर से ही कार्य करेंगे। समिति की बैठक तीन महीने में कम से कम एक बार होगी।
समूह के समन्वयक आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त बैठकें बुला सकेंगे। समूह का कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन से इसका नवीनीकरण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री के अनुमोदन से समूह में संशोधन भी किया जा सकेगा। नियोजन विभाग द्वारा समूह से संबंधित सभी गतिविधियों के निस्तारण में समन्वय किया जाएगा।
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