उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा पर जोर, इन 24 जिलों में खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग व टेस्टिंग सेंटर
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा और पारदर्शी लाइसेंसिंग के लिए 24 जिलों में आधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की मंजूरी दी है। लखनऊ बलिया समेत नौ शहरों में इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर (आइडीटीआर) बनेंगे जबकि वाराणसी बरेली समेत 15 जिलों में क्षेत्रीय ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) खुलेंगे। इन केंद्रों से लाइसेंसिंग को निष्पक्ष और प्रशिक्षण को वैज्ञानिक बनाने में मदद मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा और पारदर्शी लाइसेंसिंग व्यवस्था के लिए कदम उठाते हुए 24 जिलों में आधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग और टेस्टिंग सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर (आइडीटीआर) लखनऊ, बलिया, गोरखपुर, आगरा, गौतमबुद्धनगर, झांसी, कानपुर नगर, शाहजहांपुर और प्रयागराज में बनेगा।
जबकि क्षेत्रीय ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) वाराणसी, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, मथुरा, आजमगढ़, अयोध्या, बांदा, मिर्जापुर, इटावा, सहारनपुर, सीतापुर, जौनपुर और बिजनौर में बनेगा।
आइडीटीआर 10-15 एकड़ में होगा। इसमें आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, लाइट व हेवी वाहन के लिए सिम्युलेटर, क्लासरूम, वर्कशाप, हास्टल और मेडिकल टेस्टिंग सुविधाएं होंगी। ये ट्रेनिंग-आफ-ट्रेनर्स अकादमी और सड़क सुरक्षा शोध केंद्र भी बनेंगे। आरडीटीसी तीन एकड़ में छोटा सेंटर होगा।
यहां नए ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण, पहले से कार्यरत ड्राइवरों (बस, ट्रक, स्कूल वाहन) के लिए रिफ्रेशर कोर्स, खतरनाक सामान ढोने वाले ड्राइवरों के लिए विशेष माड्यूल और आटोमेटेड टेस्टिंग की सुविधा होगी। फिलहाल प्रदेश में केवल रायबरेली में एक आइडीटीआर है। जबकि कोई आरडीटीसी नहीं है।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि इसके माध्यम से लाइसेंसिंग को निष्पक्ष, प्रशिक्षण को वैज्ञानिक और सड़कों को सुरक्षित बनाने में सहायता मिलेगी। इससे उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा में नया राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।