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    यूपी की अर्थव्यवस्था में बड़ा फासला, पश्चिमी यूपी का दबदबा, 43 जिलों का 1 प्रतिशत से भी कम योगदान

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Tue, 10 Jun 2025 05:00 AM (IST)

    Lucknow News | UP News | लखनऊ प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के योगदान में बड़ा अंतर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का योगदान 48.51% है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश का 27.59% है। श्रावस्ती जिले का योगदान सबसे कम है। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) सकल जिला घरेलू उत्पाद में सबसे आगे है जिसके बाद लखनऊ का स्थान है।

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    यूपी की अर्थव्यवस्था में एक फीसदी से भी कम योगदान दे रहे 43 जिले।

    हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान के मामले में पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच आसमान और जमीन का अंतर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में 48.51 प्रतिशत तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले कुल 27.59 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं।

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    75 में से 43 जिले ऐसे हैं जिनका कुल योगदान एक प्रतिशत से भी कम है। जिलों की जिला घरेलू उत्पाद के आंकड़ें यह बता रहे हैं कि विकास की दौड़ में आधे से अधिक जिले बहुत पीछे हैं।

    नियोजन विभाग की अर्थ एवं संख्या प्रभाग ने वर्ष 2023-24 के सकल जिला घरेलू उत्पाद के आंकड़ों को जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि राज्य की जीएसडीपी में राज्य की केंद्रीय यानी मध्य संभाग का योगदान 18.63 प्रतिशत तो बुंदेलखंड संभाग का योगदान कुल 5.27 प्रतिशत ही है। 2023-24 में राज्य की कुल जीएसडीपी 25.63 लाख करोड़ रुपये है।

    आंकड़ें बता रहे हैं कि जिलों की जिला घरेलू उत्पाद में श्रावस्ती जिला अंतिम पायदान पर है। इस जिले की सकल जिला घरेलू उत्पाद कुल 0.34 प्रतिशत है। सर्वाधिक पिछड़े जिलों में दूसरे नंबर पर चित्रकूट जिसकी डीडीपी 0.45 प्रतिशत तथा तीसरे नंबर पर संतकबीर नगर जिला है। संतकबीर नगर की डीडीपी 0.47 प्रतिशत है।

    एक प्रतिशत से कम डीडीपी वाले जिलों में औरैया, भदोही, कौशांबी, महोबा, मऊ, कन्नौज, कासगंज, बलरामपुर. इटावा, फर्रूखाबाद, ललितपुर. शामली, सिद्धार्थ नगर, चंदौली, बांदा, बागपत, अमेठी, एटा, मैनपुरी, हाथरस, महाराजगंज, प्रतापगढ़, हमीरपुर, देवरिया, सुल्तानपुर, हापुड़, बलिया, अंबेडकरनगर, पीलीभीत, बस्ती, जालौन, संभल, मीरजापुर, फिरोजाबाद, कानपुर देहात, अमरोहा, रायबरेली, गाजीपुर, गोंडा और फतेहपुर शामिल हैं।

    इस सूची में भदोही, कानपुर देहात और फिरोजाबाद को देखकर थोड़ी हैरानी हो सकती है क्योंकि ये तीनों जिले उद्योग बाहुल्य हैं। भदोही का कालीन पूरे विश्व में निर्यात होता है। कानपुर देहात में उद्योगों की अच्छी खासी संख्या है और फिरोजाबाद कांच के कारोबार के लिए पूरे देश में जाना जाता है।

    वहीं सकल जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) में गौतमबुद्ध नगर नोएडा 10.30 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर है। लखनऊ नंबर दो पर है इसका योगदान 5.53 प्रतिशत तथा गाजियाबाद 4.57 प्रतिशत के योगदान के साथ तीसरे स्थान पर है।

    3.03 प्रतिशत योगदान के साथ आगरा चौथे नंबर पर. 3.00 प्रतिशत योगदान के साथ कानपुर नगर पांचवें स्थान पर है। 2.90 प्रतिशत योगदान के साथ प्रयागराज छठे, 2.43 प्रतिशत के साथ मेरठ सातवें, 2.23 प्रतिशत योगदान के साथ बरेली आठवें, 2.02 प्रतिशत योगदान के साथ गोरखपुर नौवें तथा 1.99 प्रतिशत योगदान के साथ वाराणसी शीर्ष में दसवें स्थान पर है।

    यहां बता दें कि एक साल पूर्व वर्ष 2022-23 में कानपुर नगर डीडीपी में चौथे नंबर पर था लेकिन 2023-24 में आगरा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कानपुर नगर को पीछे छोड़ दिया। जिससे आगरा चौथे और कानपुर नगर पांचवें स्थान पर हैं। 2022-23 में सहारनपुर 12वें स्थान पर था लेकिन 2023-24 में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अलीगढ़ ने सहारनपुर को पीछे छोड़ दिया। इसी प्रकार सोनभद्र ने सीतापुर को पीछे छोड़ने का काम किया।