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    UP Assembly: GST मामले में जुर्माने का 10% जमा कर अपील कर सकेंगे करदाता, विपक्ष के हंगामे के बीच 6 विधेयक पारित

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 08:34 PM (IST)

    Uttar Pradesh News | Lucknow News | लखनऊ में विपक्ष के विरोध के बीच विधानसभा ने छह विधेयकों को बिना चर्चा के पारित कर दिया जिसमें उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2025 शामिल है जिससे करदाताओं को जुर्माना कम करने की अनुमति मिलेगी। उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक-2025 भी पारित हुआ जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अभिलेखों को संरक्षित करना है।

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    जीएसटी मामले में अर्थदंड का 10 प्रतिशत जमाकर अपील कर सकेंगे करदाता।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विपक्ष के हंगामे के बीच छह विधेयक मंगलवार को विधानसभा में बगैर चर्चा के ही पास कराए गए। उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2025 तथा उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक-2025 को मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया।

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    अनुपूरक एजेंडा लाकर इन्हें पास भी करा लिया गया। जीएसटी (संशोधन) विधेयक के पास हो जाने से जीएसटी मामलों में करदाता अब रोपित अर्थदंड का 10 प्रतिशत धनराशि जमा कर अपील कर सकेंगे।

    विपक्ष के हंगामे के बीच विधेयक पास कराए गए। उपरोक्त दो विधेयकों के साथ ही उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक-2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2025 तथा उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान (संशोधन)-2025 भी विधानसभा से पास कराए गए।

    उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2025 में जीएसटी मामलों में धारा 129 के तहत अर्थदंड के प्रकरणों में प्रथम व अधिकरण के समक्ष अपील किए जाने से पहले जमा की जाने वाली धनराशि की सीमा अर्थदंड के 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किए जाने का प्रविधान किया गया है।

    अन्य धाराओं में भी अर्थदंड के तहत अपील किए जाने का प्रविधान इसमें शामिल है। इसी प्रकार इनपुट सेवा वितरक के रूप में पंजीकृत करदाताओं को सुविधा देते हुए आयातित माल पर दिए गए कर से बने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के वितरण की सुविधा दी गई है।

    गौरतलब है कि इससे संबंधित अध्यादेश को तीन जुलाई को कैबिनेट से स्वीकृति मिली थी। उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक-2025 में

    ऐतिहासिक व प्राचीन अभिलेखों को संरक्षित करने से संबंधित है। विधेयक में दिए गए प्रविधानों के मुताबिक अभिलेखों को सुरक्षित व संरक्षित किया जाएगा। जिससे शोध व इतिहास लेखन में मदद मिलेगी।

    साथ ही किसी ऐतिहासिक व प्राचीन धरोहर को लेकर होने वाले कानूनी विवादों को भी सुलझाने में अभिलेखीय साक्ष्य आसानी के साथ उपलब्ध कराए जा सकेंगे। लोक अभिलेखों का उत्तर प्रदेश सरकार की स्वीकृति के बिना राज्य के बाहर नहीं ले जाया जा सकेगा। 100वर्ष से पुराने अभिलेख नष्ट नहीं किए जा सकेंगे। अभिलेखागार सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा।