CBI ने दस लाख की घूसखोरी में दो और आरोपियों को दबोचा, नारकोटिक्स के इंस्पेक्टर ने नर्सिंग होम संचालक से की थी वसूली
सीबीआई ने 10 लाख की घूसखोरी मामले में सुनील और सुभाष जायसवाल को भी गिरफ्तार किया है। आरोप है कि सीबीएन के कुछ अधिकारी देवा नर्सिंग होम के संचालक गयासुद्दीन को फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूल रहे थे। सीबीआई ने पहले तीन निरीक्षक और गयासुद्दीन को गिरफ्तार किया था। अब तक कुल छह आरोपी पकड़े जा चुके हैं मामले की जांच जारी है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सीबीआई ने दस लाख रुपये की घूसखोरी के मामले में दो और आरोपितों सुनील जायसवाल व सुभाष जायसवाल को भी गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि प्रतिबंधित दवाओं व कोडीन सिरप की सप्लाई के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (सीबीएन) के निरीक्षक लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र स्थित देवा नर्सिंग होम के संचालक गयासुद्दीन अहमद को फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रुपये वसूलने का षड्यंत्र रच रहे थे। यह खेल लगभग एक माह से चल रहा था।
सीबीआई ने इस मामले में मंगलवार को सीबीएन के तीन निरीक्षकों रवि रंजन, महिपाल सिंह व आदर्श योगी के अलावा गयासुद्दीन काे गिरफ्तार किया था। घूसखोरी के मामले में बिचौलिये की भूमिका निभाग रहे गयासुद्दीन के करीबी सुनील व सुभाष जायसवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। मामले में अब तक छह आरोपित पकड़े गए हैं।
सीबीआइ की जांच में सामने आया कि सीबीएन के निरीक्षक महिपाल सिंह ने 23 जुलाई को गयासुद्दीन अहमद को अपने महानगर स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। कहा गया था कि प्रतिबंधित दवाओं व कोडीन सिरप की सप्लाई के मामले में गिरफ्तार आरोपित रौशन लाल ने उनकी भूमिका भी बताई है। इस पर गयासुद्दीन ने घूस में मांगी जा रही रकम का बंदोबस्त करने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगी थी।
सूत्रों के अनुसार, इंस्पेक्टर महिपाल सिंह ने 22 अगस्त को एक नोटिस जारी कर गयासुद्दीन को तलब किया था। तब गयासुद्दीन की ओर से एक महिला अधिवक्ता ने इंस्पेक्टर महिपाल सिंह से बात की थी। इसके बाद गयासुद्दीन के करीबी सुनील जायसवाल इंस्पेक्टर रवि रंजन से संपर्क साधा था।
सुनील ने गयासुद्दीन को बताया था कि उन्हें 26 अगस्त से पहले सीबीएन के निरीक्षक के समस्त प्रस्तुत होना होगा। 26 अगस्त को गयासुद्दीन व सुनीन जायसवाल सीबीएन के कार्यालय गए थे, जहां पहले दो लाख रुपये दिए गए। इसके बाद गयासुद्दीन ने बेटे काकूब को फाेन का आठ लाख रुपये और मंगाए थे। सीबीआइ की टीम ने घूस दिए जाने के दौरान ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। पूरे मामले में कुछ अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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