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    UP Tourism: लखनऊ समेत यूपी के पर्यटन स्थलों से अर्थव्यवस्था को नया बल, करोड़ों की आमदनी

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 03:27 PM (IST)

    UP Tourism | लखनऊ पर्यटन क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। 2023 में भारत में 1.88 करोड़ विदेशी पर्यटक आए। घरेलू स्तर पर 250 करोड़ लोगों ने यात्रा की। उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटकों के मामले में पहले स्थान पर है जिससे राज्य को सबसे ज्यादा फायदा होगा।

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    सांस्कृतिक व धार्मिक शहरों में अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पर्यटन क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में चार गुणा तक योगदान होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन सेक्टर को और बढ़ावा दिए जाने का निर्देश दिया है। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2023 में 1.88 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत आए थे।

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    घरेलू स्तर पर 250 करोड़ पर्यटकों ने यात्रा की। कुंभ के दौरान जिस तरह से भीड़ उमड़ी है, उसे देखते हुए उत्तर भारत के सांस्कृतिक व धार्मिक शहरों में आने वाले समय में अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा।

    घरेलू पर्यटकों के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश में लगातार पहले स्थान पर है। एसोसिएशन आफ इंडिया की ( वर्ष 2024) रिपोर्ट के अनुसार देश में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अगले पांच से सात वर्षों में हास्पिटैलिटी सेक्टर में कुल सृजित रोजगार का करीब 10 प्रतिशत योगदान होगा।

    तब जीडीपी में हास्पिटैलिटी सेक्टर का योगदान बढ़कर करीब आठ प्रतिशत हो जाएगा। पिछले दो वर्षों में इस सेक्टर में भर्तियों में करीब ढाई गुणा से अधिक वृद्धि हुई है। इस वृद्धि में सर्वाधिक योगदान धार्मिक पर्यटन का होगा। पंजाब, हरियाणा व दिल्ली चैंबर आफ कामर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 60 प्रतिशत से अधिक यात्राएं धार्मिक स्थलों की होती हैं।

    वैश्विक धार्मिक पर्यटन का बाजार वर्ष 2032 तक दो अरब डालर से अधिक का होगा। चूंकि भारत एक धार्मिक देश है और उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक धार्मिक स्थल हैं। इसलिए धार्मिक पर्यटन का सबसे अधिक लाभ भारत को और भारत में उत्तर प्रदेश को मिलेगा।

    महाकुंभ-2025 में देश-दुनिया के 66 करोड़ से अधिक लोग प्रयागराज आए। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कारिडोर बनने से पूर्व यहां एक वर्ष में औसतन 50 लाख श्रद्धालु आते थे। अब यह संख्या बढ़कर छह करोड़ तक पहुंच गई है। इसी तरह अयोध्या में वर्ष 2016 में 2.83 लाख पर्यटक/श्रद्धालु आए थे। जबकि पिछले वर्ष सितंबर माह तक 13.44 करोड़ पर्यटक/ श्रद्धालु आ चुके थे।

    मिरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी धाम, चित्रकूट व मथुरा-वृंदावन में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। घरेलू पर्यटकों की बढ़ती संख्या के चलते अगले सात वर्षाें में होटलों में 10 लाख कमरों की आवश्यकता होगी। इससे 35 लाख से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर मिलने की उम्मीद है।