नए सिरे से तय किए गए राज्य कर न्यायिक संभागों के कार्यक्षेत्र, 111 खंड खत्म, 364 नए खंड लागू
राज्य कर विभाग ने खंडों के पुनर्गठन के बाद न्यायिक संभागों के कार्यक्षेत्र को नए सिरे से तय किया है। अब सचल दल इकाइयां और विशेष अनुसंधान शाखा नए कार्यक्षेत्र के आधार पर कर चोरी के मामलों की सुनवाई करेंगी। आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि 56 न्यायिक संभागों के कार्यक्षेत्र का पुनर्मूल्यांकन किया गया है जिसके अनुसार वाराणसी गोरखपुर प्रयागराज में खंडों का निर्धारण किया गया है।

राज्य ब्यूरो , लखनऊ। राज्य कर विभाग में खंडों के पुनर्गठन के बाद न्यायिक संभागों के कार्यक्षेत्र नए सिरे से तय किए गए हैं। सचल दल इकाइयां और विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा अब नए कार्यक्षेत्र के आधार पर कर चोरी और निर्धारण के मामलों की सुनवाई की जाएगी।
राज्य कर विभाग के आयुक्त डा. नितिन बंसल के मुताबिक विभागीय खंडों के पुनर्गठन के कारण विभाग के 56 न्यायिक संभागों के कार्यक्षेत्र की नए सिरे से मैपिंग की गई है। अब परिवर्तित कार्यक्षेत्र के हिसाब से ही न्यायिक संभाग सुनवाई करेंगे।
कार्यक्षेत्र निर्धारण में वाराणसी प्रथम खंड में सचल दल व विशेष अनुसंधान शाखा के दो खंड वाराणसी के रखे गए हैं। वाराणसी द्वितीय में वाराणसी तृतीय, आजमगढ़, मिर्जापुर व सोनभद्र रखे गए हैं। गोरखपुर में दो खंड गोरखपुर और बस्ती को रखा गया है। प्रयागराज में तीन और अयोध्या में भी तीन खंड रखे गए हैं।
लखनऊ प्रथम में तीन, लखनऊ द्वितीय में दो खंड के साथ ही सीतापुर को रखा गया है। बरेली में दो खंड बनाए गए हैं। कानपुर प्रथम में तीन और कानपुर द्वितीय में भी तीन खंडों को रखा गया है।
इटावा में इटावा व मैनपुरी, झांसी में बांदा तथा आगरा में तीन खंड बनाए गए हैं। अलीगढ़ में मथुरा को भी रखा गया है। मेरठ में दो खंड के साथ ही मुरादाबाद में मुरादाबाद के साथ बिजनौर को भी रखा गया है।
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