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    चांदी की बजाए तांबे के मेडलों पर चढ़ाया सोने का पानी, रिपोर्ट सामने आई तो दंग रह गए रेलवे अधिकारी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 01:13 PM (IST)

    उत्तर रेलवे की प्रतियोगिताओं में दिए गए गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल तांबे के निकले जिससे रेलवे में हड़कंप मच गया। इंदौर की एक फर्म ने चांदी की जगह तांबे के मेडल सप्लाई किए और मुंबई की एजेंसी से झूठी रिपोर्ट बनवाई। जांच में धोखाधड़ी सामने आने पर रेलवे ने फर्म और एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

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    रेलवे को चांदी की जगह भेजे 853 तांबे के मेडल

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। उत्तर रेलवे की ओर से आयोजित होने वाली बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं जिन विजेताओं को गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल दिया गया था, उनके वह मेडल चांदी की जगह तांबे के निकले हैं।

    रेलवे को इंदौर की एक फर्म ने धोखाधड़ी करके बड़े पैमाने पर चांदी की जगह तांबे के मेडल भेज दिए। इतना ही नहीं इस फर्म ने तांबे के मेडल को सिल्वर बताने वाली निरीक्षण रिपोर्ट भी मुंबई की जांच एजेंसी से लगवा ली।

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    पिछले दिनों लैब की जांच रिपोर्ट में चांदी की जगह मेडल तांबे का पाया गया। इसके बाद रेलवे की ओर से आलमबाग थाना में आपूर्ति करने वाली फर्म और तांबे को चांदी बताने की रिपोर्ट देने वाली एजेंसी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गई है।

    रेलवे बोर्ड ने लखनऊ के अलावा मुरादाबाद, अंबाला, फिरोजपुर और दिल्ली रेल मंडल में भी एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

    उत्तर रेलवे ने 29 अगस्त 2023 को इंदौर के रामबाग 18 गनेश कालोनी स्थित फर्म मेसर्स वायबल डायमंड्स को 853 गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल्स आपूर्ति लखनऊ के आलमबाग स्थित सामान्य भंडार में करने का क्रय आदेश जारी किया था।

    फर्म ने लखनऊ के स्टोर डिपो को कई बार में गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल की आपूर्ति की थी। बीती 29 अप्रैल 2025 को 553 सिल्वर मेडल मुंबई की जांच एजेंसी टीयूवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निरीक्षण प्रमाण पत्र के साथ भंडार को सौंपा गया था। इस बीच उत्तर रेलवे मुख्यालय ने एक पत्र स्टोर डिपो को भेजकर मेडल की गुणवत्ता की जांच कराने का आदेश दिया।

    रेलवे के उच्च अधिकारियों के कहने पर स्थानीय लैब से दोबारा मेडल की जांच करायी। जांच की रिपोर्ट आयी तो रेलवे अधिकारियों के होश उड़ गए। जांच में पता चला कि मेडल में सिल्वर की मात्रा 99.9 प्रतिशत की जगह 0.1 प्रतिशत है।

    मेसर्स वायबल डायमंड्स के मालिक विपुल जैन और मुंबई की जांच एजेंसी टीयूवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा करने की विभिन्न धाराओं में रेलवे के सहायक सामग्री प्रबंधक द्वितीय रामरस मीना की ओर से आलमबाग थाना में मामला दर्ज किया गया है।

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