PWD की नई नीति से मचेगा बवाल? 5% कम लागत पर सड़क निर्माण के आदेश से ठेकेदारों में खलबली
लखनऊ में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पहली बार सड़कों के निर्माण के लिए पांच प्रतिशत कम राशि पर एस्टीमेट तैयार करवा रहा है। अभियंताओं को कम राशि पर एस्टीमेट भरने के निर्देश दिए गए हैं। इस नई व्यवस्था से ठेकेदारों और अभियंताओं में भ्रम पैदा हो रहा है जिससे सड़कों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। ठेकेदार टेंडर का बहिष्कार करने की तैयारी में हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पहली बार सड़कों के निर्माण के लिए पांच प्रतिशत कम राशि पर एस्टीमेट तैयार करवा रहा है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों को एक प्रोफार्मा बनाकर भेजा गया है।
प्रोफार्मा में अभियंताओं को स्पष्ट तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं सड़कों के एस्टीमेट संबंधी प्रस्ताव पांच प्रतिशत कम राशि पर भरे जाएं। इससे सड़कों की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
इस बारे में लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी का कहना है कि अगर कम लागत पर काम कराना है तो पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं द्वारा पहले ही किसी भी सड़क निर्माण के लिए पांच प्रतिशत कम लागत में एस्टीमेट तैयार किए जाएं।
नई व्यवस्था से ठेकेदारों और अभियंताओं में भ्रम पैदा हो रहा है। साथ ही टेंडर में प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर ठेकेदार और कम रेट पर टेंडर भरेंगे तो 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आएगी, जिसके कारण गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पीडब्ल्यूडी को अपने स्तर से ही सड़क के निर्माण के संबंध में अनुमानित लागत का प्रस्ताव सही दरों में तैयार कराना चाहिए। वहीं नई व्यवस्था को लेकर ठेकेदार फिर से से सड़कों के टेंडर का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं। इसका असर सड़क निर्माण पर पड़ेगा। पिछले वर्ष भी कार्ययोजना में देरी के कारण 7,000 करोड़ रुपये का बजट पीडब्ल्यूडी को सरेंडर करना पड़ा था।
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