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    यूपी की सड़कें होंगी और मजबूत, नहीं उखड़ेगी ऊपरी परत... PWD ने बदल दिए निर्माण के नियम

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 03:10 PM (IST)

    लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण में बड़ी गलती सुधारी है। अब सड़कों पर बिटुमिनस कंक्रीट (बीसी) की लेयर 25 मिमी की जगह 30 मिमी मोटी होगी। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के प्रयासों के बाद यह फैसला लिया गया है। इससे सड़कों की ऊपरी परत मजबूत होगी और टूटने की समस्या कम होगी। आइआरसी के मानकों के मुताबिक कराए जाने का प्रयास विभागीय इंजीनियर कर रहे थे।

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    सड़कों की मजबूती के लिए बिटुमिन्स कंक्रीट लेयर की मोटाई 30 एमएम होगी।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में प्रमुख जिला मार्गों व अन्य जिला मार्गों के नवीनीकरण में पिछले कुछ सालों से इंडियन रोड कांग्रेस (आइआरसी) और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) द्वारा तय मानकों से कम मोटाई में बिटुमिन्स कंक्रीट की लेयर डाली जा रही थी।

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    लोक निर्माण विभाग ने अब इस गलती को सुधारने का आदेश जारी कर दिया है। नये आदेश के मुताबिक सड़कों के निर्माण और नवीनीकरण में अब 25 मिलीमीटर की जगह न्यूनतम 30 मिलीमीटर मोटी बिटुमिन्स व कंक्रीट (बीसी) की लेयर डाली जाएगी। इससे सड़कों के टूटने और लेयर उखड़ने की घटनाओं में कमी आएगी।

    सड़कों के निर्माण व नवीनीकरण में सबसे ऊपर डाली जाने वाली बिटुमिन्स व कंक्रीट की लेकर को मोर्थ व आइआरसी के मानकों के मुताबिक कराए जाने का प्रयास विभागीय इंजीनियर कर रहे थे।

    डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने जनवरी में विभागाध्यक्ष और शासन को इसके लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद उच्च स्तरीय समिति की बैठक कराई गई थी जिसमें समिति ने बिटुमिन्स व कंक्रीट लेयर की मोटाई 25 से बढ़ाकर 30 मिलीमीटर करने का अनुमोदन दे दिया था।

    इस अनुमोदन के बाद से यह फाइल दबा दी गई थी। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने कुछ दिनों पूर्व फिर से इसके लिए लिए विभागाध्यक्ष से शासन तक इसके लिए पत्र लिखा जिसके बाद विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी ने बिटुमिन्स व कंक्रीट लेयर की मोटाई 30 मिलीमीटर किए जाने का आदेश जारी किया है।

    इस आदेश के लागू होने से प्रदेश के प्रमुख जिला मार्ग और अन्य जिला मार्गों की ऊपरी लेयर की मजबूती बढ़ जाएगी। बताया जाता है कि बिटुमिन्स व कंक्रीट लेकर ग्रेट-दो में 30 से 40 मिलीमीटर तक मोटाई का प्रविधान आइआरसी व मोर्थ ने किया है।

    लेयर की मोटाई 25 से 30 मिलीमीटर किए जाने से सड़क निर्माण व नवीनीकरण की लागत थोड़ी बढ़ेगी। नये मानक का पूरा पालन प्रमुख जिला मार्गों व अन्य जिला मार्गों में किए जाने पर ये सड़कें कम टूटेंगी।