UP के प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 78 हजार से ज्यादा सीटें खाली, छात्र क्यों कर रहे हैं किनारा?
लखनऊ के निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सीटें खाली रहने से तकनीकी शिक्षा विभाग चिंतित है। 240 निजी कॉलेजों में 89937 सीटों में से केवल 11689 भरी हैं। राजकीय कॉलेजों में छात्रों का रुझान अधिक है जहाँ टाटा टेक्नोलाजी के सहयोग से सुधार हो रहा है। तीसरे चरण में सीटें भरने की उम्मीद है और निजी कॉलेजों को अन्य राज्यों के छात्रों का इंतजार है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में निजी पालिटेक्निक कालेजों की सीटें खाली रहने से तकनीकी शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में कुल 240 निजी पालिटेक्निक कालेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें कुल 89,937 सीटें हैं। अब तक दो चरण की काउंसलिंग के बाद केवल 11,689 सीटों पर ही प्रवेश हो पाया है, जबकि 78,248 सीटें अब भी खाली हैं।
जबकि राज्य में 153 राजकीय पालिटेक्निक कालेजों में 24,168 सीटें हैं, जिनमें से 2,120 सीटें रिक्त हैं। वहीं, 19 एडेड कालेजों में भी 2,120 सीटें खाली हैं। इसके अलावा पीपीपी माडल पर संचालित 29 सरकारी संस्थानों में 909 और प्राइवेट संस्थानों में 3,294 सीटों पर प्रवेश होना है।
अब तक हुई दो चरणों की काउंसलिंग में सबसे ज्यादा छात्रों का झुकाव राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों की ओर रहा है। टाटा टेक्नोलाजी लिमिटेड (टीटीएल) द्वारा इन संस्थानों को अपग्रेड किए जाने की योजना से छात्रों का भरोसा और बढ़ा है।
अभी तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, जिससे राजकीय कालेजों की अधिकतर सीटें भरने की संभावना है। चौथे व पांचवें चरण में अन्य राज्यों के छात्रों को मौका मिलेगा। इस चरण की काउंसलिंग का निजी संस्थानों को इंतजार है।
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