UP News: पुलिस रिपोर्ट पर बलिया सीएमओ ने साल्वर गिरोह के सरगना डॉक्टर अमित को हटाया
लखनऊ पुलिस ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से परीक्षा देने वालों का ब्योरा मांगा है। पीईटी में पकड़े गए साल्वर गिरोह के सरगना एमबीबीएस डाक्टर अमित को सीएमओ ने हटा दिया है और उनके खिलाफ जांच चल रही है। पुलिस अन्य परीक्षाओं में भी साल्वर मुहैया कराने के मामलों की जांच कर रही है जहाँ डॉक्टर अमित परीक्षा पास कराने के लिए एक लाख रुपये लेता था।

आयुष्मान पांडेय, लखनऊ। पीईटी में पकड़े गए सरगना एमबीबीएस डाक्टर अमित को पुलिस रिपोर्ट के आधार पर बलिया के सीएमओ ने हटा दिया है और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हजरतगंज विकास जायसवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से परीक्षा देने वालों का ब्योरा मांगा गया है। इससे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जिसे टीम की मदद से खंगाला जा रहा है ताकि अन्य शामिल लोगों का पता लगाया जा सके।
गौतमपल्ली पुलिस ने बीती आठ सितंबर को साल्वर गिरोह के सरगना डा. अमित गुप्ता, बिहार के शेखपुरा निवासी रबीश कुमार और जमुई स्थित खैरा निवासी विकास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
डा. अमित गुप्ता मऊ के घोसी स्थित सोनाडीह के निवासी हैं और बलिया के बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात थे। एसीपी ने बताया कि डा. अमित गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर सीएमओ बलिया को भेजी गई थी।
उस रिपोर्ट के आधार पर डा. अमित गुप्ता को उनके पद से हटा दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। बताया कि एक टीम सोमवार को मऊ भेजी जाएगी और वहां से मिली जानकारी को जांच में शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा, सेवा चयन आयोग को पत्र भेजकर परीक्षा देने वालों का डेटा मांगा गया था, जिससे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इस जानकारी के आधार पर सभी का डेटा खंगाला जा रहा है, जिसमें मेल, काल रिकॉर्डिंग और अन्य शामिल हैं।
एसीपी ने बताया कि जांच के दौरान अगर किसी के खिलाफ कोई इनपुट मिलता है, तो उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। डा. अमित गुप्ता का गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई परीक्षाओं में साल्वर शामिल हुए थे।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डाॅ. अमित गुप्ता और उनके गिरोह ने किन-किन परीक्षाओं में साल्वर मुहैया कराए थे। डाॅ. अमित गुप्ता शाहजहांपुर में परीक्षा देने के बाद अपनी पत्नी के साथ घूमने भी गए थे। पुलिस इस मामले में तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डाक्टर खुद परीक्षा देने के लिए लेता था एक लाख रुपये
पुलिस सूत्रों ने बताया कि डाक्टर गारंटी के साथ परीक्षा पास कराने के लिए रकम लेता था। वह परीक्षा देने वाले व्यक्ति से एक लाख रुपये लेता था और उसकी जगह खुद परीक्षा देने जाता था। रबीश और विकास के पकड़े जाने पर वह शाहजहांपुर में परीक्षा देकर लौटा था।
पुलिस को पता चला है कि डाक्टर की पत्नी को उसके सभी कृत्यों के बारे में जानकारी थी। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डाक्टर कब से परीक्षा दे रहा था और कितनी परीक्षाओं में शामिल हुआ है।
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