'Digital Arrest के प्रति लोगों को जागरूक करे पुलिस', DGP बोले- वीडियो कॉल पर मांगी रकम तो समझिए फ्रॉड
डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस सतर्क हो गई है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। ठग सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। पुलिस ने बुजुर्गों और कम जानकारी रखने वालों को विशेष रूप से जागरूक करने का फैसला किया है। साइबर अपराध पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने की सलाह दी गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस इन मामलों की छानबीन में तेजी लाने के साथ ही लोगों को इसके खतरे के प्रति जागरूक भी करेगी। डीजीपी राजीव कृष्ण ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं की रोकथाम के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए जाने का निर्देश दिया है।
कहा है कि माह के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसे और प्रभावी बनाया जाए। इस अपराध में बढ़ोतरी पुलिस आंकड़ों से भी साफ है। वर्ष 2023 में डिजिटल अरेस्ट के 18 मुकदमे दर्ज हुए थे। जबकि पिछले वर्ष 196 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
डिजिटल अरेस्ट के सर्वाधिक अपराध म्यांमार, लाओस व कंबोडिया से संचालित हो रहे हैं। ठग खुद को पुलिस, सीबीआइ, ईडी, एनसीबी अथवा अन्य किसी सरकारी अधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर लोगों को लगातार अपना शिकार बना रहे हैं।
डीजीपी ने हर जिले में बुजुर्गों व तकनीक की कम जानकारी रखने वाले लोगों को विशेषकर डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध के बारे में जागरूक करें। उन्हें बताए कि फोन पर किसी के पुलिस अथवा अन्य किसी एजेंसी का अधिकारी होने का दावा करने वाले से सावधान रहें।
इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर लोगों को जागरूक करने वाले वीडियो व संदेश लगातार प्रसारित किए जाए। साइबर हेल्प डेस्क व साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम हर जिले में आयोजित किए जाएं।
लोगों को संदिग्ध काल व ऐसे किसी अपराध की शिकायत तत्काल राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in)व साइबर हेल्प लाइन 1930 पर करने के लिए प्रेरित करें।
डिजिटल अरेस्ट के मामले की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई किए जाने के साथ ही ठगों के सिम, वाट्सएप अकाउंट व स्काइप आइडी काे टेलीकाम सेवा प्रदाताओं से समन्वय बनाकर ब्लाक कराएं। बैंक व वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर संदिग्ध खातों की फ्रीज कराने व ठगे गए धन की रिकवरी के लिए त्वरित कार्यवाही का निर्देश भी दिया है।
आप रखें ध्यान
- डिजिटल अरेस्ट का कोई कानूनी प्रविधान नहीं है।
- कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो काल, वाट्सएप अथवा स्काइप के माध्यम से पूछताछ या गिरफ्तारी नहीं करती।
- अनजान नंबर से आने वाली काल पर तुरंत विश्वास न करें और ऐसी काल को काट दें।
- पुलिस या अन्य सरकारी एजेंसी वीडियो काल पर व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण व रकम की मांग नहीं करती।
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