अब गांवों की सड़कें होंगी मजबूत और सस्ती, योगी सरकार ने घटाई निर्माण लागत, जानिए नई तकनीक
लखनऊ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कें अब एफडीआर तकनीक से बनेंगी जिससे वे मजबूत और सस्ती होंगी। सरकार ने एफडीआर बेस की संशोधित दर को स्वीकृत किया है जिससे निर्माण लागत कम होगी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी सड़कों का निर्माण इसी तकनीक से करने के निर्देश दिए हैं जिससे बचत का उपयोग अन्य ग्रामीण विकास कार्यों में किया जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बनने वाली सड़कें अब पहले से ज्यादा मजबूत और सस्ती होंगी। इन सड़कों का निर्माण फुल डेप्थ रीक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से किया जाएगा। इस तकनीक से निर्माण में कम मात्रा में नई सामग्री का उपयोग हाेने से पर्यावरण सरंक्षण में भी मदद मिलेगी।
हाल ही में प्रदेश सरकार ने एफडीआर बेस की संशोधित दर को स्वीकृत किया है। पूर्व में एफडीआर बेस की दर 3,760 रुपये प्रति घनमीटर निर्धारित थी, जिसे अब 2,784 रुपये प्रति घनमीटर कर दिया गया है। इसके चलते सड़कों की निर्माण लागत पहले से कम आएगी।
पीएमजीएसवाई की सड़काें के निर्माण में पहले से ही इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक से सड़क निर्माण में परंपरागत तरीके से निर्माण के मुकाबले 20 प्रतिशत तक लागत कम आती है। तकनीक के तहत गिट्टी युक्त पुरानी सड़क को उपकरणों के माध्यम से उधेड़ा जाता है।
फिर इस सामग्री को कुचलकर, उसमें सीमेंट या अन्य स्टेबलाइजिंग एजेंट मिलाकर एक मजबूत आधार परत बनाई जाती है और उसके बाद ऊपर से डामर या अन्य सतह बिछाई जाती है। इससे नई सामग्री और परिवहन लागत में बचत होती है।
इससे बनी सड़कें पारंपरिक तरीकों से बनी सड़कों की तुलना में अधिक टिकाऊ होती है। राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के अधिकारियों के मुताबिक एफडीआर तकनीक की सड़कों पर परंपरागत तकनीक के मुकाबले पहले ही कम लागत आती थी, अब एफडीआर बेस की तरह कम होने से यह और घट जाएगी।
पहले 5.5 मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी जो सड़क 96 लाख रुपये में तैयार होती थी, वह अब 82 लाख रुपये में बन जाएगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पीएमजीएसवाई की सभी सड़कों का निर्माण एफडीआर तकनीक से ही करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि कम लागत से होने वाली बचत राशि का उपयोग, और ग्रामीण सड़कों व उन पर अवस्थापना सुविधाओं संबंधी कार्य कराने में किया जाए।
सक्रिय किए जाएंगे निष्क्रिय महिला स्वयं सहायता समूह
उपमुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर ग्राम्य विकास विभाग की बैठक में उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका से (यूपीएसआरएलएम) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निष्क्रिय समूहों को सक्रिय किया जाए। निष्क्रिय कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाइ की जाए।
भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार, सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग गौरी शंकर प्रियदर्शी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण अखंड प्रताप सिंह, यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक ईशम सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।
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