गोबर से चलेगी कार, पंचगव्य से निखरेगा रूप! योगी सरकार का प्लान गांवों को बनाएगा आत्मनिर्भर
उत्तर प्रदेश सरकार पंचगव्य उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। अयोध्या गोरखपुर समेत कई शहरों में सौंदर्य उत्पाद जैविक कीटनाशक और बायोगैस उत्पादन की योजना है। सरकार का लक्ष्य है कि गोशालाएं उत्पादन और शोध केंद्र के रूप में विकसित हों जिससे किसानों और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में पहली बार पंचगव्य से सौंदर्य उत्पाद, जैविक कीटनाशक और बायोगैस का उत्पादन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। पंचगव्य आधारित कई परियोजनाएं प्रारंभ की जा रही हैं, जो पारंपरिक आस्था को तकनीक से जोड़ते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए खोलेगा।
पंचगव्य से स्किन केयर बनाने, बायोगैस से वाहन चलाने और जैविक उत्पादों से हरित खेती की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। सरकार अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, चित्रकूट, कानपुर, आगरा, बरेली, झांसी में पंचगव्य से इन उत्पादों को बनाने की शुरुआत करने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ‘गो सेवा से समृद्धि’ अब प्रदेश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और ग्रामीण जीवनशैली को एक नई दिशा देगी। प्रदेश की 75 चयनित गोशालाओं में से प्रति गोशाला सालाना 25 लाख रुपये आय की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह नवाचार किसानों और पशुपालकों के लिए स्थाई आर्थिक माडल प्रस्तुत करेगा। इससे गोशालाएं सिर्फ संरक्षण केंद्र नहीं, बल्कि उत्पादन और शोध केंद्र के रूप में कार्य करेंगी।
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि गो आधारित उत्पादों से किसानों और ग्रामीणों को कम लागत में अधिक लाभ मिलेगा। पंचगव्य, बायोगैस, जैविक कीटनाशक और बायो फेंसिंग से गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
गांवों में बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य आधारित उत्पादों और जैविक खाद-कीटनाशकों के संयंत्र स्थापित कर स्वच्छ ऊर्जा, कृषि सुधार के साथ ही रोजगार के नए रास्ते खोले जाएंगे। बायोगैस का प्रयोग वाहनों के ईंधन के रूप में किया जा सकेगा। इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है। गो सेवा आयोग के विशेष कार्याधिकारी डा. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया है कि पंचगव्य आधारित उत्पादों के निर्माण से प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
शहर | उत्पाद / परियोजना |
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गोरखपुर | ड्यूल फीड बायोगैस संयंत्र की स्थापना |
आगरा | पंचगव्य आधारित स्किन केयर यूनिट |
अयोध्या | जैविक कीटनाशक निर्माण इकाई |
बरेली | बायो फेंसिंग एवं सोलर शेड परियोजना |
चित्रकूट | बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए चारा बैंक |
कानपुर | "अर्बन काऊ एडाप्शन" माडल |
वाराणसी | गंगा बेसिन कार्बन आफसेट प्रोजेक्ट |
झांसी | कैक्टस आधारित मिक्स्ड बायोगैस अनुसंधान केंद्र |
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