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    अब हर मंडल को मिलेगी अपनी लैब! UP में 4 नई फूड-ड्रग टेस्टिंग लैब का CM Yogi ने खोला पिटारा

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:20 PM (IST)

    लखनऊ में खाद्य पदार्थों और औषधियों की जांच में तेजी लाने के लिए कानपुर अयोध्या सहारनपुर और अलीगढ़ में नई प्रयोगशालाएं शुरू हो रही हैं। इन प्रयोगशालाओं से प्रति वर्ष लगभग 24 हजार नमूनों की जांच की जाएगी। सरकार सभी मंडल मुख्यालयों पर ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इन नई प्रयोगशालाओं के खुलने से जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी।

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    चार नई प्रयोगशालाओं में खाद्य पदार्थों व औषधि नमूनों की जांच इसी महीने से।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य पदार्थों और औषधियों के नमूनों की जांच अब और तेज गति से होगी। इसी महीने से कानपुर, अयोध्या, सहारनपुर और अलीगढ़ में बनाई गईं नई क्षेत्रीय जनविश्लेषक प्रयोगशालाओं से नमूनों की जांच शुरू होने जा रही है। नई प्रयोगशालाओं से प्रति वर्ष लगभग 24 हजार नमूने जांचें जाएंंगे।

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    प्रदेश सरकार सभी मंडल मुख्यालयों पर खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की क्षेत्रीय जनविश्लेषक प्रयोगशालाएं स्थापित करने का काम कर रही है। इसी क्रम में 12 मंडल मुख्यालयों जहां पर प्रयोगशालाएं नहीं थीं, वहां पर प्रयोगशालाओं के निर्माण का काम शुरू किया गया था।

    दस प्रयोगशालाओं का भवन बनकर तैयार है। इनमें से कानपुर, सहारनपुर, अयोध्या और अलीगढ़ में स्थापित प्रयोगशालाओं में जांच शुरू होने जा रही है। इन प्रयोगशालाओं में प्रभारी अधिकारी तैनात कर दिए हैं।

    साइंटिफिक अधिकारी विनय तिवारी को अयोध्या, एएल श्रीवास्तव को सहारनपुर, उमेश चंद्र गंगवार को कानपुर तथा अजीत कुमार यादव को अलीगढ़ प्रयोगशाला का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इन अधिकारियों की तैनाती का आदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त राजेश कुमार ने जारी किए हैं। अन्य कार्मिकों की तैनाती भी प्रयोगशालाओं में कर दी गई है।

    गौरतलब है कि राज्य में अभी तक लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और झांसी में ही क्षेत्रीय जनविश्लेषक प्रयोगशालाएं थीं, इन प्रयोगशालाओं से प्रतिवर्ष करीब 36 हजार नमूनों की जांच होती रही है। चार नई प्रयोगशालाओं के जुड़ जाने से अब प्रतिवर्ष और 24 हजार नमूनों की जांच होने लगेगी।

    आयुक्त के मुताबिक शेष आठ नवनिर्मित प्रयोगशालाओं में से बांदा और आजमगढ़ की प्रयोगशाला को छोड़ छह में अक्टूबर महीने से नमूनों की जांच शुरू कर देने की तैयारी की गई है।

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