यूपी में MSME इकाइयों के लिए ई-नीलामी से आवंटित होंगे भूखंड, 765 एकड़ का भूमि बैंक बना
लखनऊ में एमएसएमई औद्योगिक क्षेत्रों का पुनरुद्धार होगा। राज्य सरकार खाली भूखंडों को एमएसएमई इकाइयों के संचालन हेतु आवंटित करेगी जिसके लिए ई-नीलामी की जाएगी। नई इकाइयों के लिए 765 एकड़ का भूमि बैंक बना है। नई नीति के अनुसार छोटे और बड़े औद्योगिक क्षेत्रों का वर्गीकरण किया गया है और आरक्षण का भी प्रावधान है। पंजीकरण शुल्क और पट्टे के किराये से जुड़े नियम भी निर्धारित किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में वर्ष 1978 के बाद अब सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के औद्योगिक क्षेत्रों का नए सिरे से निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भूखंडों व शेडों को एमएसएमई इकाइयों को संचालित करने के लिए आवंटित करेगी।
भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए किया जाएगा। नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना के लिए विभिन्न जिलों में 765 एकड़ का भूमि बैंक बनाया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाईयां हैं।
पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति को स्वीकृति प्रदान की थी। शासन ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार 20 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक आस्थानों को बड़े व 20 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले औद्योगिक आस्थानों को छोटे औद्योगिक क्षेत्रों में माना जाएगा।
किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली फर्म के संचालकों में 50 प्रतिशत एसएसी व एसटी के होने पर उन्हें एससीएसटी फर्म माना जाएगा। इसी प्रकार प्रबंधन में महिलाओं की 50 प्रशितत भागीदारी पर संबंधित फर्म को महिला फर्म माना जाएगा। इन्हें इसी के अनुरूप 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा।
एमएसएमई औद्योगिक क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर के भूखंडों व शेडों की ई-नीलामी में भाग लेने के लिए 2,000 रुपये पंजीकरण शुल्क रखा गया है, जबकि 4,000 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। इसी प्रकार 500 से 1,000 वर्ग मीटर के भूखंडों के लिए 3,000 रुपये पंजीकरण शुल्क, 6,000 आवेदन शुल्क देय होगा।
1,000 से 4,000 वर्ग मीटर के भूखंडों के लिए 5,000 रुपये पंजीकरण शुल्क व 10,000 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। वहीं 4,000 से 10,000 वर्ग मीटर के भूखंड़ों के लिए पंजीकरण शुल्क 10,000 रुपये व आवेदन शुल्क 20,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा 10,000 वर्ग मीटर से बड़े आकार के भूखंडों के लिए पंजीकरण शुल्क 20,000 रुपये और पंजीकरण शुल्क 25,000 रुपये रखा गया है। भूखंड या शेड आवंटन के अगले वर्ष से पट्टा का किराया जमा कराना होगा।
पट्टे का किराया समय से न जमा कराने पर 18 प्रतिशत ब्याज लगाया जाएगा। बुंदेलखंड व पूर्वांचल में भूखंडों का आरक्षित मूल्य 2,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर ल मध्यांचल में 2,500 और पश्चिमांचल में 3,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखा गया है। विस्तृत नीति http://shasanadesh.up.gov.in पर उपलब्ध है।
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