एआरपी और एसआरजी के भत्ते में बढ़ोतरी, अब मिलेंगे 4500 रुपये प्रतिमाह
लखनऊ में राज्य सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के एआरपी और एसआरजी के मोबिलिटी भत्ते में 2000 रुपये की वृद्धि की है। अब उन्हें 4500 रुपये मिलेंगे। डायट मेंटर का भत्ता भी बढ़ाया गया है। शिक्षण सामग्री के निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी और निपुण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) के मोबेलिटी-वाहन भत्ता में राज्य सरकार ने दो हजार रुपये की बड़ी बढ़ोतरी की है। अब उनको 2,500 रुपये के स्थान पर 4,500 रुपये मोबेलिटी भत्ता दिया जाएगा। वहीं डायर मेंटर के मोबेलिटी भत्ते को एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया गया है।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को आनसाइट शैक्षिक सपोर्ट एवं रचनात्मक फीडबैक प्रदान कर छात्र-छात्राओं में अपेक्षित लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए जिलों में प्रति विकासखंड पर छह एआरपी की व्यवस्था की गई है, इनमें से एक डायट मेंटर पदेन एआरपी के रूप में कार्य करता है।
अकादमिक गतिविधियों के क्रियान्वयन में सहयोग के लिए हर जिले में तीन एसआरजी की भी तैनाती की गई है। वर्ष 2019 में इनके लिए सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिये प्रत्येक एआरपी को 2,500 और डायट मेंटर्स को एक हजार रुपये प्रतिमाह मोबिलिट-वाहन भत्ता जिला स्तर से दिए जाने के निर्देश दिये गये थे।
वहीं राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा एसआरजी को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिये 2,500 रुपये प्रतिमाह मोबिलिटी-वाहन भत्ता दिये जाने के निर्देश दिए गए थे। अब इसमें संशोधन कर दिया गया है। निर्देशों में कहा गया है कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पर्यवेक्षण-संदर्भदाता के रूप में प्रशिक्षण प्रदान किये जाने संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने के बाद ही मोबिलिटी भत्ता का भुगतान किया जायेगा।
वहीं शिक्षक संकुल बैठकों के दौरान स्वनिर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री के माध्यम से आदर्श कक्षा-शिक्षण आदि की जानकारी दी जाती है। इसके लिए अब एसआरजी, एआरपी और डायट मेंटर को स्वनिर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री के निर्माण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह की दर से धनराशि दी जाएगी।
वहीं निपुण लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति के लिए प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की अध्यक्षता में प्रत्येक माह कार्यशाला आयोजित कराई जाएंगी। कार्यशाला में जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) भी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे।
कार्यशाला में एसआरजी और एआरपी द्वारा जिला और ब्लाक की प्रगति का प्रस्तुतिकरण भी देना होगा। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
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