मेडिकल कॉलेजों में एससी-एसटी को 70 प्रतिशत आरक्षण के लिए पैरवी करे सरकार- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने न्यायालय के उस निर्णय पर चिंता व्यक्त की जिसमें चार मेडिकल कॉलेजों में एससी-एसटी के लिए 70 प्रतिशत आरक्षण को अन्य कॉलेजों के बराबर करने का आदेश दिया गया है। मायावती ने सरकार से न्यायालय में प्रभावी पैरवी करने और वास्तविक तथ्यों को प्रस्तुत करके आदेश को रद्द कराने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा की ताकत फिर से बढ़ाने की कोशिश में जुटी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अब अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) से जुड़े मुद्दों पर मुखर हो रही हैं। सोमवार को बसपा प्रमुख ने न्यायालय द्वारा स्पेशल कंपोनेंट प्लान के चार मेडिकल कालेजों में एससी-एसटी के लिए किए गए 70 प्रतिशत आरक्षण को अन्य कालेजों की बराबर करने के निर्णय का मामला उठाया।
एक्स पर पोस्ट कर सरकार से न्यायालय में पैरवी की मांग की। बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार को मामले में वास्तविक तथ्य पेश कर आदेश को निरस्त कराना चाहिए।
उप्र सरकार ने कन्नौज मेडिकल कालेज, अंबेडकरनगर मेडिकल, जालौन मेडिकल कालेज और सहारनपुर मेडिकल कालेज केंद्र से स्पेशल कंपोनेंट योजपा के तहत ग्रांट के लिए एससी-एसटी वर्ग के 70 प्रतिशत से अधिक सीटें आवंटित की थीं।
30 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसे रद करने का आदेश दिया है। इसे लेकर बसपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि भारत सरकार द्वारा एससी-एसटी के कल्याण के लिए स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत उप्र में चार मेडिकल कालेजों की स्थापना की गई थी और इन वर्गों को 70 प्रतिशत सीटें आवंटित की गई थीं।
अब इन चारों मेडिकल कालेजों में न्यायालय द्वारा अन्य मेडिकल कालेजों की तरह एससी को 21 प्रतिशत आरक्षण और एसटी वर्ग को दो प्रतिशत आरक्षण का आदेश दिया गया है। प्रदेश सरकार, कमजोर वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के समक्ष वास्तविक तथ्य प्रस्तुत कर आदेश को निरस्त कराएं।
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